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बालोद क्षेत्र की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर, नगरपालिका मौन!

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Mar 25, 2018

बालोद नगर पालिका क्षेत्र की जनता को पेय जल के रूप में गंदा पानी पीना पड़ रहा है बता दें कि नगर पालिका बालोद के 20 वार्ड़ो में गंदे पानी की सप्लाई की जा रही है जहां वार्ड में रहने वाले लोग इस गंदे पानी को पीने के लिए मजबूर है। बालोद नगर पालिका को तांदुला नदी के जिस हिस्से से पानी मिलता है वो जगह जलकुम्भियों से पटा हुआ है जिसकी सफाई अब तक नगर पालिका प्रशासन ने नहीं की है और इसी जगह से बालोद नगर को पेयजल मिलता है ऐसे में नगरपालिका इस तरफ जरा भी गंभीर नजर नहीं आ रही है।

नगरवासी गंदा पानी पीने को मजबूर
नगरवासियों को शुद्ध पेयजल देने के लिए शासन से जो जलावर्धन योजना के तहत फिल्टर प्लांट बनाया जा रहा है उसका भी निर्माण कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है ऐसे में नगरवासियों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है इस बात को लेकर नगरपालिका के पार्षदों ने भी कई बार शिकायत की मगर नतीजा कुछ नहीं निकला। 

नगरपालिका ने पेश की अपनी सफाई
वहीं नगरपालिका ने इस मामले में अपनी सफाई पेश की है जलआवर्धन योजना मार्च 2013 से स्वीकृत है जो पिछले ६ सालों से बन ही रहा है ऐसे में नगरपालिका पर नगरवासी भरोसा करें तो कैसे करे। वहीं अधिकारी ने तो यह भी कह दिया की जलावर्धन योजना की जानकारी नगरपालिका के पास नहीं है ये पीएचई विभाग बताएगा। बता दें जलावर्धन योजना के तहत 19 करोड़ की लागत से बन रहा फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है जिस पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। 

पीएचई अधिकारी का क्या है कहना
जब मामले की जानकारी के लिए पीएचई विभाग के अधिकारी के पास गए तो उनका कहना था की जलावर्धन योजना ३ महीने में चालू हो जायेगी, स्पष्ट है की अभी साल भर और जनता को शुद्ध पेयजल के लिए इंतजार करना पड़ेगा मगर अधिकारी बंद कमरों से निकलें तब उन्हें जमीनी हकीकत पता चलेगी। 

शासन की महत्वपूर्ण योजना को नगरपालिका से लेकर पीएचई विभाग के अधिकारी किस तरह पतीला लगा रहे है ये तो इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां 19 करोड़ की लागत से बन रहे जलावर्धन योजना का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है वहीं अधिकारी को कोई मतलब नहीं चाहे जनता कितना ही गन्दा पानी क्यों न पिए।