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अपनी ही रकम लेने बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं किसान

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Jan 29, 2018

**कोरिया।** आपके खाते में लाखों रुपए जमा हों लेकिन उसके बावजूद बैंक जाने पर अगर आपको पांच-दस हजार रुपये दिया जाएं तो आप कैसा महसूस करेंगे। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों कोरिया जिला के मनेंद्रगढ़ में संचालित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में देखा जा रहा है, जहां किसान अपनी ही रकम लेने के लिए बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं। हैरत वाली बात तो यह है कि इस बारे में शिकायतों के बावजूद भी बैंक प्रबंधन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा । **क्या है मामला...** जिले के मनेन्द्रगढ़ में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक संचालित है। यहां छः हजार किसानों के खाते हैं ।कुछ दिनों पूर्व बोनस तिहार के बाद किसानों के खाते में बोनस की रकम आई ।वहीं कई किसानों ने अपने खून पसीने की कमाई भी इसी बैंक में जमा कर रखी है ।अपनी रकम को लेने के लिए किसान लंबी दूरी तय करके यहां पहुंचते हैं, तो उन्हें जवाब दे दिया जाता है कि बैंक में पैसा नहीं है ।इसलिए ऐसे कई किसान हैं जो अपना मकान बनाना चाह रहे हैं, जो अपनी बेटियों की शादी करना चाह रहे हैं या इन्हें अन्य कामों के लिए पैसे की काफी जरुरत है, लेकिन बैंक प्रबंधन रकम ना होने का हवाला देकर किसानों को चलता कर देता है। बैंक में किसानों ने यही बताया कि यहां रकम निकालने पर बैंक कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग की जाती है ।अगर उन्हें पैसे दे दिया जाए तो जितनी चाहें उतनी रकम मिल जाती है। **किसानों का शोषण कब तक?** ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर किसानों का शोषण कब रुकेगा ।जब इस बात की जानकारी हमारे संवाददाता को हुई तो उन्होंने बैंक पहुंचकर शाखा प्रबंधक से चर्चा कि तो उनका कहना था कि अभी तक उन्हें शिकायत नहीं मिली है । ऐसे में सवाल यह उठता है, कि दिन भर बैंक के चक्कर काटने वाले किसान और मजदूर वर्ग के लोग अधिकारियों को क्यों नहीं दिखाई देते ।यहां के अधिकांश खातेदार किसान ग्रामीण क्षेत्रों से है जो लगभग 70 से 80 किलोमीटर की दूरी तय करके इस बैंक में पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें रकम ना मिलने पर काफी निराशा होती है। और उनके जरूरी कामकाज प्रभावित होते हैं। **शौचालय की व्यवस्था तक नहीं...** इन सबके अलावा बैंक में काफी संख्या में बुजुर्ग महिलाएं भी आती हैं, आम लोग भी आते हैं, लेकिन गौर करने वाली बात तो यह है कि एक और पूरे देश में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाने का काम चल रहा है। लेकिन जहां रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं वहां एक सार्वजनिक शौचालय तक नहीं है, इस बारे में जब हमने शाखा प्रबंधक से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही इस दिशा में पहल करेंगे ।