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सरगुजा लोकसभा सीट को लेकर भाजपा और कांग्रेस में गहमा गहमी शुरू

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Mar 28, 2019

दिलशाद अहमद : छत्तीसगढ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के नामांकन प्रक्रिया शुरु होने के साथ ही सरगुजा लोकसभा सीट में भाजपा कांग्रेस दोनो ही प्रमुख दलो में गहमा गहमी का दौर शुरु हो गया है। जहां आदिवासी बाहुल्य सरगुजा लोकसभा सीट जातिगत समीकरण के आधार पर हमेशा से ही दोनो दलों के प्रत्याशी चयन चुनौती रहता है। ऐसे में भाजपा कांग्रेस ने सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विधानसभा से दोनो प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। जहां आम जनता के साथ भाजपा कांग्रेस भी जातिगत समीकरण के आधार पर प्रत्याशी के जीत के दावे कर रही है।

16 लाख मतदाता आदिवासी बाहुल्य लोकसभा में 
आदिवासी बाहुल्य लोकसभा में लगभग सोलह लाख मतदाता है। जहां लगभग चालीस प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी समुदाय है वही पिछङा और सामान्य वर्ग तीस तीस प्रतिशत है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत भी 55 से 65 प्रतिशत रहता है। तो वही बात करे लोकसभा चुनावो में कांग्रेस हमेशा हावी रहा है। जहां पिछले दो चुनावों में भाजपा काबिज रही है। वहीं सरगुजा लोकसभा सीट मे कांग्रेस के वर्तमान प्रत्याशी खेलसाय सिंह 1991 से लेकर 2004 तक लगातार सांसद रहे है,तो वही भाजपा के सांसद कमलभान सिंह का पत्ता साफ कर इस बार पार्टी ने पुर्व विधायक रेणुका सिंह को पहली बार लोकसभा के मैदान मे उतारा है। जहां कांग्रेस प्रत्याशी खेलसाय सिंह आदिवासी समुदाय का नेतृत्व कर चुके है तो वही रेणुका सिंह भी आदिवासी समुदाय मे तेज तर्रार छबि के रुप में पहचानी जाती है। जहां आम जनता जातिगत समीकरण के साथ प्रत्याशी चयन और क्षेत्र में किए गए कार्योे को ज्यादा महत्व मानती है। वहीं प्रदेश में कांग्रेस कि नई सरकार के कारण पिछले लोकसभा चुनाव से ज्यादा मतदान कि प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में होने की संभावना जाहिर करते नजर आए।

प्रत्याशी चयन में कांग्रेस भाजपा कर रही मशक्कत
एक ओर जातिगत समीकरण के कारण प्रत्याशी चयन में कांग्रेस भाजपा को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। जहां कांग्रेस ने प्रेमनगर विधायक खेलसाय सिंह को ही लोकसभा का टिकट दिया है वहीं भाजपा ने 2013 के विधानसभा में चुनाव हार चुकी भाजपा की पूर्व विधायक रेणुका सिंह को सरगुजा लोकसभा से पहली बार मैदान में उतारा है। हालांकी प्रत्याशी रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा से पूर्व में दो बार विधायक रह चुकी है। ऐसे में भाजपा जातिगत समीकरण को दबे जबां में नकारते हुए मोदी फैक्टर के आधार पर जीत का दावा कर रही है। तो कांग्रेस पदाधिकारी खेलसाय सिंह को दमदार प्रत्याशी बताकर जातिगत समीकरण में मजबूत दावेदार के रुप मे अपने जीत का दावा कर रही है।

जनता किस पर करेगी विश्वास?
बहरहाल दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दम भर रही हैं,लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा की जनता नरेंद्र मोदी के पांच सालों के काम पर मतदान करती है या राहुल गांधी के 72 हजार के दावे पर अपना विश्वास दिखाती है।