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विस चुनाव को लेकर गरियाबंद जिले में चुनावी सरगर्मियां तेज, पार्टियों ने बिछाई अपनी अपनी बिसात

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Oct 11, 2018

पुरूषोत्तम पात्रा :  विधानसभा चुनाव को लेकर गरियाबंद जिले में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी है, चुनावों में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने अपनी बिसात बिछाना शुरु कर दिया है, तमाम राजनीतिक पार्टियां एक दुसरे पर आरोप लगाते हुए खुद को जनता का असली हितैषी साबित करने में जुट गयी है।

संयुक्त मध्यप्रदेश को तीन बार मुख्यमंत्री देने वाला गरियाबंद जिला अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है, कभी पं श्यामाचरण शुक्ल और संत पवन दीवान इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है, तब गरियाबंद रायपुर जिले का हिस्सा हुआ करता था, छत्तीसगढ गठन के बाद एक जनवरी 2012 को मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह ने गरियाबंद को जिला घोषित किया जिसमें राजिम और बिन्द्रानवागढ दो विधानसभा शामिल किया गया, दोनो पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है, राजिम से संतोष उपाध्याय और बिन्द्रानवागढ से गोवर्धन मांझी विधायक है, भाजपा ने इस बार फिर अपने विकास के दम पर दोनो सीटें जीतने का दावा किया है।

लगभग 55 साल राज करने वाली कांग्रेस पार्टी भाजपा के विकास के दावे से बिल्कुल इतेफाक नही रखती, कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा अपने राज में विकास तो दूर गरियाबंद के लोगो को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नही करवा पायी, फिर चाहे बात शुद्ध पेयजल की हो या फिर सडक बिजली स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दुसरी बुनियादी सुविधाओं की हो, कांग्रेस ने बुनियादी सुविधाओं को ही मुद्दा बनाकर इस बार चुनाव मैदान में उतरने का दावा किया है।

जोगी कांग्रेस ने भी इस बार चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोक दी है, जोगी कांग्रेस के पास फिलहाल जनता को बताने के लिए कोई उपलब्धियां तो नही है, मगर भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगाने के लिए बहुत कुछ है, जोगी कांग्रेस ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर जनता को ठगने का आरोप लगाया है, साथ ही अपनी पार्टी को जनता का असली हितैषी बताते हुए पार्टी के घोषणा पत्र पर जनता का विश्वास होने का दावा किया है। अब तक गरियाबंद जिले में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही चुनावी दंगल देखने को मिलता रहा है, मगर इस बार जोगी कांग्रेस ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है, ऐसा में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर दंगल में कौन बाजी मारता है।