Jun 14, 2018
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरिया के चेयरमैन किम जोंग-उन की मुलाकात सिंगापुर में हुई। इसमें मुख्य बात यह निकल कर आई है कि किम जोंग ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण करने पर सहमति जता दी है। इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने किम को सुरक्षा की गारंटी प्रदान की है। यह मुलाकात चीन की परेशानी का सबब बनी हुई है।
क्योंकि हमेशा चीन उत्तरी कोरिया को साथ रखकर एशिया में दबदबा बनाए हुए था। चीन को यह दर्द सता रहा है कि किम जोंग-उन का पाला बदलकर चीन से हमेशा के लिए किनारा नहीं कर लें। यह एशिया महाद्वीप के लिए बहुत बड़ी घटना साबित होगी। क्योंकि अभी उत्तरी कोरिया चीन पर ही पूरे तरीके से निर्भर रहता है।
चीन के प्रभुत्व को रोकने में अमेरिका का हरसंभव प्रयास
चीन यह भी जानता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने आप को विश्व में सर्वेसर्वा बनाए रखने के लिए उत्तरी कोरिया को बहुत कुछ आर्थिक सहायता कर सकता है। चीन का एशिया और विश्व में बढ़ते हुए प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कुछ भी करने को तैयार है।
चीन ने अमेरिका के मार्केट पर किया कब्जा
वह जानता है अमेरिका के बाजार में भी लोगों को चीन के बनाए खिलौने बहुत पसंद हैं। इसने अमेरिका के मार्केट पर कब्जा कर रखा है। ट्रंप कई बार अपना गुस्सा व्यक्त कर चुके हैं कि चीन अपने उत्पादित वस्तुओं के बदौलत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट करने पर तुला हुआ है। अमेरिका अब जानता है कि भारत भी दुनिया में शक्ति बनकर उभर रहा है।
भारत का सहयोग आवश्यक
वह यह भी जानता है कि चीन को दबाव बनाए रखने के लिए भारत का सहयोग बहुत आवश्यक है। भारत भी परमाणु शक्तिशाली देश है और चीन से युद्ध होता है ऐसी स्थिति में वह भारत की भूमि का युद्ध के लिए उपयोग किया जा सकता है।