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जम्‍मू कश्‍मीरः रोजगार और रोटी है आज के जम्मू कश्मीर की जरूरत

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Aug 16, 2019

संविधान की धारा 370 जब से जम्मू कश्मीर से हटाई गई है, लोगों में खुशी का माहौल छाया हुआ है। घाटी के लोगों ने मोदी सरकार के इस फैसले का दिख खोलकर स्‍वागत करना शुरू कर दिया है। कभी राजनीति और आतंक के खौफ से खामोश रहने वाले लोगों ने अब खुलकर बोलना आरंभ कर‍ दिया है कि उन्‍हें धारा 370 और अनुच्छेद 35ए की वजह से अब तक कोई लाभ नहीं मिला है। उन्‍होंने कहा है उन्‍हें रोजगार और रोटी चाहिए। सरकार को इन्‍हीं दो बातों पर अब विशेष ध्‍यान देना चाहिए। जम्‍मू कश्‍मीर के हंदवाड़ा में व्‍यवसाय करने वाले फारूक अहमद सोफी ने कहा है कि 1947 से लेकर आज तक हमें केवल सपने दिखाए गए हैं। यहाँ की आवाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा जो कुछ भी दिया गया है, वह किन लोगों की जेबों में गया है, यह हम पूछ भी नहीं सकते हैं। जम्‍मू कश्‍मीर में किसी की भी सरकार रही हो, उन्‍होंने केवल हम लोगों को दबा कर रखा है।

भूखे को दो रोटी चाहिए, यही हमारा मुद्दा

अहमद सोफी ने बताया कि जम्‍मू कश्‍मीर में भारी भ्रष्‍टाचार और बेरोजगारी है। केंद्र सरकार को इन बातों पर फोकस करना चाहिए। धारा 370 और 35ए पर फारूक अहमद लोन का कहना है कि इनसे जम्‍मू और कश्‍मीर की आवाम को न पहले मतलब था और न आज मतलब है। आज तक हमें इससे कोई लाभ नहीं हुआ है। राज्य से धारा 370 हटने से हमें क्‍या लाभ होगा, यह तो भविष्‍य में ही पता चलेगा। उन्‍होंने कहा कि हमारा यही मानना है कि अंधे तो दो आंखे चाहिए और भूखे को दो रोटी चाहिए, यही हमारा मुद्दा है।