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सदन में बढ़ी दागी सांसदों की संख्या, इतना पहुंचा अनुपात

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May 31, 2019

भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव 2019 में शानदार जीत हासिल की है। ​​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। अपराध और राजनीति के संबंध की चर्चा लंबे समय से सुर्ख़ियों में रही है, और संसद और राज्य विधानसभाओं में आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसदों और विधायकों की संख्या के बारे में समय-समय पर बयान आते रहे हैं।  

233 के सांसदो खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, 539 नवनिर्वाचित सांसदों में से 233 के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप हैं। इसका मतलब है कि लगभग 45% सांसद आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। यह उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामों पर आधारित है।  रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 30% सांसद बहुत गंभीर आरोप लगे हैं, जैसे बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों, हत्या, अपहरण आदि से संबंधित, और एक उम्मीदवार आतंकवादी कृत्यों के लिए मुकदमे का सामना कर रहा है। 10 सांसद ऐसे भी हैं जिन्हें वास्तव में अदालतों द्वारा दोषी ठहराया गया है।

आपराधिक प्रतिशत
2009 में आपराधिक प्रतिशत के बारे में अगर बात करें, तो उस समय आपराधिक मामलों वाले सांसदों का प्रतिशत 162 (30%) था और 2014 में यह 185 (34%) था। बढ़ते प्रतिशत का मतलब हो सकता है कि भविष्य में हमारे अधिकांश सांसद आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले लोग होंगे। सामान्य आबादी में, 5% लोग भी इस तरह के आरोपों का सामना नहीं कर रहे हैं।