Apr 5, 2020
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखकर मांग की है कि पीएम-केयर्स कोष में अनुदान को स्वैच्छिक बनाया जाए और इकट्ठा हुई रकम का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर उनके लिये बचाव के उपकरण खरीदने में की जाए।एम्स प्रशासन ने सभी रेजिडेंट चिकित्सकों से अनुरोध किया था कि आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम-केयर्स) में अपनी एक दिन का वेतन दान दें जिससे कोविड-19 के रोकथाम के सरकार के प्रयासों में मदद हो सके।महामारी की चुनौतियों को संभालने के लिये एम्स प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए एम्स आरडीए एसोसिएशन ने कहा कि बिना उनसे परामर्श किये दान का नोटिस उनके अपनी पसंद के तरीके से देश के समर्थन के व्यक्तिगत अधिकार का उल्लंघन करता है।
उन्होंने एक पत्र में कहा, “व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी के साथ ही परिसर में यात्रा और सफाई की सुविधाओं में कमी के मद्देनजर एम्स आरडीए रेजिडेंट्स की प्रतिक्रिया जानने के बाद आपसे अनुरोध करती है कि इस कवायद को स्वैच्छिक बनाएं और इस कोष का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर पीपीई व अन्य उपकरणों की खरीद के लिये करें जिससे स्वास्थ्य देखभाल कर्मी इस महामारी को बेहतर तरीके से संभाल सकें व संकट की इस घड़ी में देश की मदद कर सकें। कृपया इस नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस ले लें।” प्रशासन ने अपने नोटिस में यह भी कहा था कि किसी रेजिडेंट को कोई आपत्ति हो तो वह ईमेल, वाट्सऐप या एसएमएस के जरिये अपने लेखा अधिकारी से छह अप्रैल तक संपर्क कर सकता है।