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शनिश्चरी अमावस्या आज, दर्शन के लिए विश्व के सबसे पुराने शनिमंदिर पहुंच रहे श्रद्धालु

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Mar 17, 2018

पूरे देश में आज शनिश्चरी अमावस्या की धूम है। देश के विभिन्न कोनों से लोग दर्शन के लिए विश्र के सबसे प्राचीन शनि मंदिर मुरैना पहुंच रहे हैं। मुरैना के ऐंती ग्राम स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर पर शुक्रवार रात में भगवान शनिदेव का विशेष अभिषेक किया गया। मंदिर के गर्भ गृह में अव्यवस्था न हो इसके लिए मंदिर परिसर में बाहर तेल चढाने के टेंक बनाये गए हैं, इस तेल पाइप के माध्यम से मुख्य प्रतिमा तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु सुरक्षा एवं यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चार सैंकड़ा से अधिक पुलिस बल तैनात किए हैं।

प्रशासन ने किए सुरक्षा के इंतजाम...

वैसे तो यहां शुक्रवार से ही श्रद्धलुओं का पहुंचना शुरू हो गया था, और यह सिलसिला शनिवार को भी जारी है। वीआईपी लोगों को पास के साथ एवं विशेष दर्शन करने वाले लोगों को अलग रास्ते से दर्शन कराए जा रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु नाई जोन, कपड़ा, जूता, दान करने के लिए अलग -अलग जोन, महिला-पुरूष के अलग -अलग शौचालय व स्नानागार स्थाई रूप से निर्मित कर दिए हैं।

भगवान शनिदेव के दर्शन के बाद श्रद्धालु हवन, पूजा, अर्चना भी कर रहे हैं। शनिदेव के दर्शन के लिए देश के अनेकों राज्यों से श्रद्धालु आ रहे हैं। कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए जिला प्रशासन ने पुलिस और विभागीय कर्मचारियों की तैनाती कर दी है। प्रशासन के अनुसार शनिवार रात यह संख्या चार से पांच लाख तक पहुंचने का अनुमान है।  

राजधानी भोपाल में भी उमड़ रही भक्तों की भीड़...

शनि अमावस्या पर सुबह से ही राजधानी भोपाल के शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आ रही है। मान्यता अनुसार लोग शनि मंदिर में जाकर पूजन अर्चन कर रहे हैं, जिससे शनिदेव उन पर प्रसन्न हों और उनको समस्याओं से मुक्ति मिल सके। सुबह से ही राजधानी के शनि मंदिरों में लोगों का पहुंचना शुरु हो गया था।

इस पूजा से मिलेगी शनि प्रकोप से मुक्ति...

मंदिर के पंडित जी का कहना है कि प्रात:काल स्नान के उपरांत एक पात्र में जल लेकर उसमें गुड़ और काले तिल डालकर उसे पीपल के वृक्ष को अर्पित करना चाहिए, उसके बाद सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए। शनिदेव की पूजा करें और व्रत रखें, व्रत की कथा पढ़े और शनिदेव के बीज मंत्र का जप करें। वहीं आज के दिन शनिदेव की पूजा करने और शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने में यह उपाय करना लाभप्रद रहता है।