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पश्चिम बंगाल में उभरने लगे हैं अब बगावती सुर, डॉक्टरों के बाद शिक्षकों ने भी संभाला मोर्चा

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Jun 17, 2019

ममता बनर्जी के सितारे लगता है गर्दिश में जाने लगे हैं या जा चुके हैं, तभी तो एक के बाद एक समस्या उठ खड़ी हो रही है पश्चिम बंगाल में। अभी डॉक्टरों की हड़ताल थमने भी नहीं पाई कि शिक्षकों ने भी अपना कमान संभाल लिया। डॉक्टरों के साथ हिंसा के बाद हड़ताल का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब शिक्षक भी सड़क पर उतर आए हैं।

शिक्षकों को शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने से पुलिस के रोकने पर शुरू हुआ तनाव

कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में मयूख भवन द्वीप पर टीचरों और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई है। एसएसके, एमएसके और एएस के शिक्षक सोमवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने के लिए विकास भवन जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने शिक्षकों को मयूख भवन द्वीप पर जाने से रोक दिया। इसके बाद टीचरों और पुलिस के बीच हाथापाई शुरू हो गई। शिक्षकों ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद वहां माहौल तनावपूर्ण बन गया है।

मरीज के परिजनों द्वारा चोट पहुंचाये जाने पर डॉक्टरों ने किया हड़ताल

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के डॉक्टर पिछले 6 दिनों से हड़ताल पर हैं। दरअसल ये मामला तब का है जब 10 जून को नील रत्न सरकार मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान एक 75 वर्षीय शख्स की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के आक्रोशित परिवार वालों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं। इस पर डॉक्टरों ने परिवार वालों के माफी न मांगने तक प्रमाणपत्र नहीं देने की बात कही। इस बात पर फिर से हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने अस्पताल में हमला कर दिया। इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जबकि कई अन्य डॉक्टरों को भी चोटें आईं।