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मुंबईः साईंबाबा जन्मस्थान को लेकर उपजे विवाद पर उद्धव ठाकरे का बयान, विवाद को बताया बेवजह

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Jan 22, 2020

शिवसेना साईबाबा जन्मस्थान विवाद को किसी तरह निपटाने का प्रयास कर रही है। ​इस विवाद को लेकर शिवसेना ने हर रोज कोई नया बयान दिया है। बता दे कि हाल ही में साईंबाबा जन्मस्थान को लेकर उपजे विवाद पर शिवसेना ने सफाई देते हुए कहा कि यह विवाद बेवजह पैदा हुआ था। इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दोष नहीं दिया जा सकता। यह कोई नहीं बता सकता कि 19वीं सदी के इस संत का जन्म वास्तव में शिरडी में हुआ था या नहीं।

साईंबाबा संस्थान की संपत्ति 2600 करोड़ रुपये से ज्यादा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, संत साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर जो विवाद शुरू हुआ था, वह बाबा की कृपा से थम गया। शिरडी साईंबाबा की बदौलत समृद्ध हुआ। जिस शहर में संत की मृत्यु हुई, वहां की समृद्धि को कोई छीन नहीं सकता। साईंबाबा संस्थान की संपत्ति 2600 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जिससे सामाजिक कार्य किए जाते हैं। आगे लिखा है, उद्धव ठाकरे ने पाथरी को साईं का जन्मस्थान नहीं बताया था, बल्कि इसका आधार कुछ इतिहासकारों के मत थे। परभणी के सरकारी गजट में जिक्र है कि कुछ लोगों के मुताबिक, पाथरी जन्मस्थान हो सकता है। इस गजट को उद्धव ठाकरे ने प्रकाशित नहीं कराया था। इसलिए उन पर दोष नहीं मढ़ा जा सकता। अब बीड के साई भक्त पाटणकर ने जन्मस्थान पर विवाद के बाद दावा किया कि शिरडी जाते समय साईंबाबा बीड में रुके थे और हथकरघा की दुकान में नौकरी करते थे। साई सच्चरित्र में इसका उल्लेख है। हमारे पिता जनार्दन महाराज पाटणकर ने कहा था कि साई ने चार-पांच साल बीड में नौकरी की थी।इसलिए बीड में भी तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए।