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सादगी की मिसाल मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अब नहीं रहे..जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलू

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Mar 18, 2019

गोवा मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी सादगी का हर कोई कायल रहता था। बतौर मुख्यमंत्री वो बिना किसी की फिक्र किए स्कूटर से भी ऑफिस पहुंच जाते थे। लोग उन्हें स्कूटर वाला मुख्यमंत्री भी कहते थे। परिकर आधी बांह की शर्ट पहनना पसंद करते थे। उन्हें वीआईपी कल्चर पसंद नहीं था, यही वजह थी कि वो रेस्तरां की बजाय फुटपाथ पर चाय-नाश्ता किया करते थे। यहीं से मोहल्लों की खबर जुटा लिया करते थे।

हूटर लगी गाड़ियां उन्हें पसंद नहीं थीं
वह हमेशा कहते थे, चाय स्टॉल पर सभी नेताओं को चाय पीनी चाहिए, राज्य की सारी जानकारी यहां मिल जाती हैं। वह पंक्ति में लगकर खाना खाते थे, अपना काम भी लाइन में लगकर ही करवाते थे। उनकी सादगी का अंदाजा इससे लगाइए कि उन्हें हूटर लगी गाड़ियां पसंद नहीं थीं। डॉ. मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु परिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। 

उनका राजनैतिक सफर
बता दें पहली बार 2000 से 2002 तक, दूसरी बार 2002 से 2005, तीसरी बार 2012 से 2014 और चौथी बार 14 मार्च 2017 से अब तक। 2017 में जब भाजपा गोवा विधानसभा चुनाव में बहुमत से दूर थी, तब दूसरे दलों ने परिकर को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर ही समर्थन दिया था। इसके चलते वह दिल्ली से फिर गोवा चले गए। इसके पहले ढाई साल तक वे देश के रक्षा मंत्री रहे। उन्होंने पहला आम चुनाव 1991 में लड़ा था, पर हार गए थे। 1994 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार जीते थे। जून 1999 में वह नेता प्रतिपक्ष बने।

ट्विटर हैंडल पर पर्रिकर काफी सक्रिय थे
एक आईआईटियन इंजीनियर के तौर पर तकनीक के बेहद करीब रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर जिंदगी की आखिरी सांस तक भी इससे दूर नहीं रहे। कैंसर से लड़ने के दौरान भी अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल पर पर्रिकर ने लगातार सक्रियता बनाए रखी। उन्होंने अपना आखिरी ट्वीट 5 दिन पहले किया था। 

पर्रिकर ने अपने आखिरी ट्वीट में भाऊ साहब को दी थी श्रद्धांजली
यह भी अजब संयोग कहा जाएगा कि पर्रिकर ने जिंदगी के इस आखिरी ट्वीट में भाऊ साहब के नाम से मशहूर रहे गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोदकर को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी थी। भाऊ साहब की जयंती पर उन्हें याद करते हुए पर्रिकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था, गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद (भाऊसाहब) बांदोदकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। गोवा की उन्नति के लिए एक मजबूत आधारशिला तैयार करने में उनके बहुमूल्य योगदान को हम याद करते हैं।