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पीएनबी घोटालाः चॉल में रहने वालों को बताया कंपनी का डायरेक्टर

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Feb 22, 2018

पीएनबी घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे फर्जीवाड़े की और नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं। हाल ही में पीएनबी घोटाले में प्रमुख मेहुल चोकसी का नया कारनामा सामने आया है। दरअसल नीरव मोदी के रिश्तेदार मेहुल चोकसी की गीतांजली कंपनी में गीतांजली, नक्षत्र, और गिली जैसे तीन विभागों में डायमंड के गहने तैयार किये जाते हैं। मेहुल चोकसी का नाम भी इस घोटाले में शामिल है।

डायरेक्टरों के पते निकले फर्जी...

मेहुल ने अपनी कंपनी के डायरेक्टरों के जो पते दिए थे, अब तक के छापों में वो सारे गलत साबित हुए हैं। यानी दिए गए पते झुग्गी-झोपड़ियों के हैं, और जिन नामों का इस्तेमाल किया था वे आम लोग हैं। जबकि पते में इन्हें डायरेक्टर बताया गया है।

गौरतलब है कि अब तक जिन पांच डायरेक्टर्स पर छापा मारा गया है उनमें से कोई भी दिए गए पते पर नहीं मिला है। कंपनी ने अपने डायरेक्टरों के पते के तौर पर दी जगह पर या तो मुंबई की चॉल है, या फिर एक बीएचके का फ्लैट है।

नायर को बताया डायरेक्टर, लेकिन हकीकत में निकले अकाउंटेंट...

हाल ही में ईडी गिली और गीतांजलि डायमंड के डायरेक्टर शिवरामन नायर को खोजते हुए जब यहां पहुंची तब उन्हें एक चॉल मिली, लेकिन पते पर कंपनी के डायरेक्टरों में शामिल नायर यहां नहीं मिले। वहां से जानकारी मिली कि वे अब पास के किसी टावर में शिफ्ट हो गए हैं। वहां जाकर पता किया तो परिवार वालों का कहना है कि नायर कंपनी में डायरेक्टर नहीं केवल अकाउंटेंट है।

मामले में यही हाल ज्योति वोरा का भी है, ज्योति वैसे तो नक्षत्र ज्वेल्स में डायरेक्टर हैं, लेकिन उनका घर मुंबई के अम्बोली इलाके की एक पुरानी इमारत में है।

बाकी के पते भी फ़र्ज़ी...

इसके अलावा और भी कई पते ऐसे हैं जिनमें पूछताछ के दौरान पता चला है कि वे डायरेक्टर नहीं बल्कि आम लोग हैं, जो कि किसी चॉल या 1 बीेएचके के फ्लैट में रहते हैं।  मेहुल चौकसी और नीरव मोदी ने न सिर्फ बैंकों में घोटाला किया बल्कि फर्जी कंपनियां और फर्जी डायरेक्टर बनाकर सरकार की आंखों में धूल भी झोंकी है।

कंपनियां भी महज़ कागजी...

इसके अतिरिक्त प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मुंबई में 4 ठिकानों पर छापे मारे हैं जिनमें ओपेरा हाउस, पेद्दार रोड, गोरेगांव ईस्ट और पवई में कंपनी के ठिकाने शामिल हैंं। इसमें भी जिन ठिकानों पर छापे मारे गए हैं, वो कागजी कंपनियां हैं, जिन्हें कागजों पर तो दिखाया गया लेकिन उनका कोई वजूद नहीं था।