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हाथों में मेहंदी लगाने की बजाए लड़कों वाले काम करती है छत्तीसगढ़ की ये बेटी

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Mar 20, 2018

आज के इस दौर में बेटियां हर क्षेत्र में बेटों की तरह कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। ऐसा कोई भी काम नहीं जिसे आज बेटी न कर पाती हों।

भारी भरकम वाहनों का पंचर बनाती है गीतांजली...

कठिन से कठिन कार्य को बेटियां बखूबी के साथ कर रही हैं, जिसकी एक बानगी धमतरी जिले के कोलियारी गांव में देखने को मिल रही है, जहां की बेटी गीताजंली साहू हाथों में मेंहदी लगाने के बजाय भारी भरकम वाहनों का पंक्चर बनाती है, वहीं ट्रक से लेकर ट्रैक्टर का नट बोल्ट ऐसे खोलती है, जिसे खोलने में अच्छे-अच्छे मैकेनिक के पसीने छूट जाएं।

यही नहीं ये बेटी ट्रैक्टर भी चलाती है, और वो हर काम करती है, जिस काम को करने के लिए लड़के कतराते हैं। जिसकी वजह से मौजूदा वक्त में यह बेटी इलाके में मिसाल बन गई है, जिसकी तारीफ अब सूबे के पंचायत मंत्री भी कर रहे हैं।

सामान्य किसान परिवार से है गीतांजली...

जिले के भखारा के पास कोलियारी गांव की गीतांजली ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी एक सामान्य किसान परिवार की बेटी है। यह बेटी परिवार पर बोझ नहीं, बल्कि परिवार का बोझ उठाने के लिए हाड़तोड़ मेहनत करती है। गीतांजली साहू अपने पिता की पंचर दुकान चलाती है, यही नहीं गृहस्थी से लेकर किसानी तक और दुकानदारी से लेकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई तक हर काम में गीतांजली माहिर है।

इस बेटी के जब्जे को देख हर कोई दांतों तले उंगली चबाने को मजबूर हो उठता है, वहीं गांव से गुजरने वाले लोग एकाएक इस बेटी को पंचर बनाते देख हैरान रह जाते हैं। ये बेटी मशीन से कसे टायरों के बोल्ट को पाने से बड़ी आसानी से हाथ से ही खोलती है, यहां तक की गीतांजली ट्रैक्टर-ट्रक के ट्यूब निकालकर पंक्चर भी बनाती है, फिर चक्के को वापस ट्राली में फिट कर देती है, साथ ही वाहनों में हवा डालने से लेकर आइलिंग ग्रीसिंग भी खुद ही करती है। गांव वाले या बाहर से कोलियारी पहुंचे लोग अक्सर गीतांजली को पंक्चर बनाते या फिर गाड़ियों से टायर निकालते देख हैरान हो जाते हैं।

बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा है गीतांजली...

दरसअल जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर कुरूद ब्लॉक के ग्राम कोलियारी में रहने वाली गीतांजली साहू अपने गांव की खास बेटी है, यह बेटी बीएससी सेकंड ईयर की छात्रा भी है, लेकिन पढ़ाई के साथ ये बेटी हर काम बखूबी करना जानती है। गीतांजली की मानें तो वे बचपन से ही अपने पिता को पंचर बनाते देखते आ रही हैं। और देखते ही देखते वह भी पंचर बनाना सीख गई। गीतांजली भविष्य में शिक्षक बनना चाहती है,वह कहती है कि इस काम में उन्हें अच्छा लगता है।साथ ही लोग उनके इस काम की कद्र भी करते हैं।

इलाके के लिए मिसाल है बेटी...

मौजूदा वक्त में जहां बेटियों को बोझ माना जाता है, तो वहीं धमतरी की यह बेटी इलाके में उन तमाम बेटियों के लिए मिसाल बन गई है, जो ये सोचती हैं कि वे लड़कों का काम नहीं कर सकतीं। गीतांजली को इस काम को करने में परिजनों ने कभी मना किया, बल्कि हर वक्त उसका मनोबल बढ़ाया। वहीं अब परिजनों को इस बेटी पर नाज है, तो वहीं ग्रामीण भी अपने गांव के इस बेटी के तारीफ करते नहीं थकते।

बेटी के कारनामें के किस्से पूरे इलाके में हर व्यक्ति के जुबां पर है, वहीं प्रदेश के पंचायत मंत्री अजय चन्द्राकर भी इस बेटी की तारीफ करते नजर आए और उन्हें हर संभव मदद दिए जाने की बात कही है।