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फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप जब हुए यौन उत्पीड़न का शिकार बताया आपबीती 

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Apr 23, 2018

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने कहा है कि बालीवुड के बहुत लोग कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ पर चुप रहे क्योंकि उन्हें मालूम था कि उनकी बातों से तब तक कोई फर्क नहीं पड़ेगा जब तक खुद पीडित सामने ना आएं। 
पिछले साल 'मीटू अभियान' ने हॉलीवुड में एक आंदोलन छेड़ दिया था और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ अदाकारों और अदाकाराओं ने यौन उत्पीडऩ की अपनी दास्तां सुनाई थी।

पिछले साल अक्तूबर में मीडिया के बेताज बादशाह हार्वे वाइंस्टीन के खिलाफ आरोपों की झड़ी लग गयी। उनपर बलात्कार समेत यौन उत्पीडऩ के अनेक आरोप लगे। हिंदी सिनेमा ने चुप रहना पसंद किया और इसके लिए उन्हें अपने प्रशंसकों की आलोचना भी सुननी पड़ी। फिल्म उद्योग का बचाव करते हुए कश्यप ने कहा कि व्याप्त यौन उत्पीडऩ की घटनाओं पर कलाकारों की बातों का तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक इसे झेलने वाले अपना मुंह बंद रखते हैं।

उन्होंने कहा कहीं भी इस तरह के अभियान तभी कामयाब होंगे जब पीड़ित बोले तब लोग पीड़ित के पक्ष में खड़े हो सकते हैं कश्यप ने कहा अगर पीड़ित नहीं बोलता हैं तो कोई अन्य नहीं बोल सकता क्योंकि उन्हें अफवाह फैलाने की कोशिश करने वाले असंतुष्ट लोगों के रूप में ब्रांड किया जाएगा।

उन्होंने कहा जब मैं 19 साल का था मैं यौन उत्पीडऩ के बारे में बोला था क्योंकि मैं इससे गुजरा था जब मुझे बोलना था मैं बोला बहुत साल पहले मैं आमिर खान के शो में भी गया था और इसके बारे में बोला।

कश्यप ने कहा ऐसा नहीं है कि मैंने इसके बारे में नहीं कहा है मैंने इसके बारे में कहा है आज मैंने कहना बंद कर दिया है क्योंकि कोई वास्तव में इस आंदोलन की परवाह नहीं करता हर किसी को सिर्फ सुर्खियों की पड़ी है।