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दुर्घटना के बाद भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस में गिनती के आए यात्री

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Jan 24, 2017

जगदलपुर। दो दिन पहले ओड़िशा-आंध्रप्रदेश की सीमा पर कुनेरू स्टेशन में रेल दुर्घटना की शिकार भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस का परिचालन सोमवार से फिर शुरू हो गया। सोमवार को यह गाड़ी अपने निर्धारित समय दोपहर एक बजे की बजाय करीब डेढ़ घंटे की देरी से दोपहर ढ़ाई बजे जगदलपुर आई और निर्धारित समय तीन बजकर पांच मिनट पर भुवनेश्वर के लिए रवाना हुई। रेल दुर्घटना में हालांकि जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस की बोगियों को कोई नुकसान नहीं हुआ था इसके बावजूद यात्रियों में अभी इस ट्रेन में सफर करने को लेकर मन में थोड़ा भय बैठा हुआ है। रेल दुर्घटना के बाद पहली बार जगदलपुर आई हीराखंड एक्सप्रेस में बाकी दिनों की अपेक्षा कम यात्रियों ने सफर किया।

ट्रेन में कम संख्या में यात्री आए। यहां से जाने वाले यात्रियों की संख्या भी कम ही थी। करीब 50 के आसपास यात्री ही ट्रेन में सवार हुए। हीराखंड एक्सप्रेस के छूटनें के समय स्टेशन का सीन भावुकता भरा था। कुछ यात्री बोगी में सवार होनें से पहले सीढ़ियों पर मत्था टेकतेे भी नजर आए। अपने अराध्य देव का स्मरण कर यात्रियों ने सफर शुरू किया।

रेल दुर्घटना में जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस की बोगियां और यात्रियों के सुरक्षित रहने का नतीजा यह हुआ कि स्टेशन में लगाए गए हेल्प डेस्क को रविवार शाम को ही हटा लिया गया। बताया गया कि घटना के दूसरे दिन सुबह हेल्प डेस्क से संपर्क कर रेल दुर्घटना की जानकारी लेनें कुछ यात्रियों के परिजन स्टेशन पहुंचेे थे। बस्तर से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियांें के सुरक्षित होने की खबर के बाद दोपहर से लेकर शाम तक कोई भी व्यक्ति जानकारी लेनें हेल्प डेस्क नहीं पहुंचा। जिसे देखते हुए देर शाम सात बजे हेल्प डेस्क हटा लिया गया।

जगदलपुर में हीराखंड एक्सप्रेस को रवाना होने से पहले ट्रेन की जांच कर फिट होनेंं का प्रमाणपत्र जारी करने वाले कैरेज एंड वैगन सेक्शन के प्रमुख को रेल दुर्घटना की जांच कर रही कमेटी ने रायगढ़ा बुलाया है। सेक्शन प्रमुख सोमवार तड़के समलेश्वरी एक्सप्रेस में रायगढ़ा के रवाना होने की खबर है। बताया जाता है कि कोरापुट से भी हीराखंड एक्सप्रेस की जांच करने वाले स्टॉफ को जांच के सिलसिले में बुलाया गया है। विदित हो कि यात्री ट्रेन के टेक ऑफ स्टेशन से रवाना होनें के पहले पूरी जांच की जाती है और फिट होनें का प्रमाणपत्र जारी होने के बाद ही ट्रेन छोड़ी जाती है।

पटरियों की जांच में तेजी

हीराखंड एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होंने के बाद यहां केके रेललाइन में भी रेल पटरियों की जांच और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। रेलपथ निरीक्षण से जुड़े पीडब्ल्यूआई स्टॉफ, कीमेन, ट्रेकमेन के अलावा ओएचई सेक्शन के कर्मचारी भी पटरियों की जांच से जुड़े अपने-अपने कामों को गंभीरता से कर रहे हैं। मंडल रेल मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद सोमवार को रेलमार्ग की जांच का काम तेज कर दिया गया है। डिलमिली ओएचई सेक्शन मुख्यालय से भी कर्मचारी पटरी में अरथिंग केबल और पटरी से इसके कनेक्शन की जांच के लिए जगदलपुर पहुंचे थे।