Loading...
अभी-अभी:

अल्हा उदल और पृथ्वीराज चौहान को मिला था मां शारदा का आशीर्वाद

image

Sep 29, 2017

सतना : मैहर में त्रिकूट की पहाड़ी पर मां शारदा देवी की मूर्ति की स्थापना विक्रम संवत 559 में की गई थी। मूर्ति पर देवनागरी लिपि में शिलालेख भी अंकित है। जाने-माने इतिहासकार ए.कनिंग्घम ने इस मंदिर पर विस्तार से शोध भी किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार अल्हा और उदल, जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वे भी शारदा माता के बड़े भक्त हुआ करते थे। इन दोनों ने ही जंगलों के बीच इस मंदिर की खोज की थी। इसके बाद आल्हा ने इस मंदिर में 12 सालों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न् किया था।

माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था। आल्हा माता को शारदा माई कहकर पुकारा करते थे। तभी से ये मंदिर भी माता शारदा माई के नाम से प्रसिद्ध हो गया। मान्यता है कि माता के दर्शन रोज सबसे पहले आल्हा ही करते हैं। मंदिर के पीछे पहाड़ों के नीचे एक तालाब है, जिसे आल्हा तालाब कहा जाता है।

रेलमार्ग द्वारा सतना से मैहर 30 किमी का रास्ता है। मैहर स्टेशन से 3 किमी दूर मंदिर है। यहां से ऑटो द्वारा पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा मेला बस भी चलती है, इसका किराया 20 रुपए है। सड़क मार्ग से सतना से मैहर की दूरी 42 किमी है। पहाड़ी पर चढ़ने के लिए दो रास्ते हैं पहला 1038 सीढ़ियों से चढ़कर पहुंचा जा सकता है । दूसरा रोप-वे की सुविधा उपलब्ध है।