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खून से लथपथ मरीज तड़पते रहे, डॉक्टर रहे गायब

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Sep 26, 2017

मन्दसौर : जिले के सीतामऊ समीप दलावदा में हुए एक सड़क हादसे ने सीतामऊ के स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं की पोल खोल के रख दी। हॉस्पिटल के बाहर मरीज तड़पते रहे, लेकिन इलाज के लिए न कोई डॉक्टर था और न ही उन्हें रेफर करने के लिए एम्बुलेंस। जबकि दो दिन पूर्व ही कलेक्टर ने माना था कि हॉस्पिटल में कोई अव्यवस्था नहीं हैं।

सीतामऊ थाना क्षेत्र के गांव दलावदा के पास में मजदूरों से भरी पिकअप पलट गई। जिसके चलते पीकअप में सवार 29 मजदूर घायल हो गए। जिनमें से 10 की हालत गम्भीर थी। हादसे में एक महिला की मौत हुई हैं।

घायलों को जब निजी वाहन से सीतामऊ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां मौके पर न तो कोई चिकित्सक मिला और न ही उन्हें रेफर करने के लिए एम्बुलेंस। जिसके चलते कई मरीज तो हॉस्पिटल के बाहर ही अपना खून बहाते रहे और तड़पते रहे।

जिसके बाद क्षेत्र में निजी हॉस्पिटल चलाने वाले निजी चिकित्सक आए और घायलों का इलाज किया। गम्भीर घायलों को निजी वाहन से जिला चिकित्सालय रेफर करना पड़ा, लेकिन प्राथमिक चिकित्सालय में न तो डॉक्टर मिले न वाहन।

आप को बता दे कि 2 दिन पहले जिला कलेक्टर द्वारा सीतामऊ में निरीक्षण के दौरान यह माना था कि हॉस्पिटल में कोई अव्यवस्था नहीं हैं। जबकि क्षेत्र में सीतामऊ हॉस्पिटल को बीमारू हॉस्पिटल के नाम से ही जाना जाता हैं।

यहां अव्यवस्थाओं और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण कई मौत हो चुकी हैं। सोमवार को ही क्षेत्रीय विधायक हरदीप सिंह डंग ने भी निरीक्षण किया था और पूरे हॉस्पिटल में अव्यवस्थाओं का अंबार मिला था। शराब की बोलते पड़ी मिली थी, लेकिन डंग साहब यहां कुछ नहीं कर पाए, वह भी हर बार की तरह हॉस्पिटल के खिलाफ धरने आंदोलन की बात ही कहते नजर आए।

इस घटना में घायलों की तड़पती हुई हालत को देख कर हैवान को भी दया आ जाए, लेकिन न तो इस हॉस्पिटल की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान हैं और न ही वरिष्ठ अधिकारियों का। घटना के कुछ ही देर बाद क्षेत्र के पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार भी मौके पर पहुंचे और हॉस्पिटल में अव्यवताओं को स्वीकार किया।