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पीएम मोदी के प्रस्तावित अमरकंटक यात्रा को देखते हुए 300 छात्र-छात्राओं का हड़ताल शुरू

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May 14, 2017

अनुपपूर। अमरकंटक में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के 300 छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। दो नए कोर्स बीए बीएड और बीएससी बीएड को एनसीटीई की मान्यता अब तक नहीं मिली है। अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर छात्र एक बार फिर आंदोलित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 15 मई को प्रस्तावित अमरकंटक यात्रा को देखते हुए छात्रों ने अपना आंदोलन एक बार फिर शुरू कर दिया है।

विश्वविद्यालय ने 2013 में 4 वर्षीय बीए बीएड और बीएससी बीएड जैसे 2 नए कोर्स शुरू किए थे. आठ सेमेस्टर वाले इन कोर्सो में करीब 3 सौ छात्रों ने प्रवेश लिया। कोर्स तो शुरू हो गया लेकिन नेशनल काउंसिल और टीचर एजुकेशन से जरूरी मान्यता नहीं ली गई। पढ़ाई शुरू हो गई और मान्यता का मामला प्रक्रिया में डाल दिया गया। 3 साल बाद छात्र-छात्राओं को पता चला कि उनके कोर्स को मान्यता नहीं मिली तो वे सकते में आ गए।

विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रो के सवालों का कोई सही जवाब नहीं दे पाया. छात्र विश्वविद्यालय प्रबंधन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं. नए कोर्स की डिग्री नहीं मिल सकती है और दूसरे कोर्स की डिग्री देना भी कानूनी रूप से गलत होगा। छात्रों के विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन अपनी गलती मान चुका है. वैसे कुलपति कह चुके हैं कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के पास कोर्स को लेकर वीटो पॉवर होता है. जल्द ही छात्र हित में मान्यता मिल जाएगी। विश्वविद्यालय के साथ इस कोर्स को देश के 6 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों और 1 स्टेट यूनिवर्सिटी ने शुरू किया था। अमरकंटक के 300 छात्रों के साथ देश के करीब ढाई हजार छात्र मान्यता के फेरे में फंस हुए हैं।