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भस्मारती में महाकाल को बंधी राखी, सवा लाख लड्डुओं का लगाया भोग

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Aug 7, 2017

उज्जैन : विश्व प्रसिद्घ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर सोमवार को तड़के भस्मारती में राजाधिराज महाकाल को राखी बांधकर सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया। दिनभर भक्तों को प्रसादी का वितरण होगा। ग्रहण के सूतक के चलते घर-परिवार में श्रवण पूजन व राखी बांधने के लिए सुबह 11 से 1 बजे तक का समय श्रेष्ठ है। अवंतिकानाथ भगवान महाकालेश्वर की श्रावण मास में अंतिम और पांचवीं सवारी सोमवार शाम 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से निकलेगी। सभामंडप में पूजन के बाद भगवान नगर भ्रमण को निकलेंगे। राजाधिराज भक्तों को पांच रूपों में दर्शन देंगे।

पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी पर उमामहेश व रथ पर होल्कर स्टेट का मुघौटा शामिल होगा। परंपरागत मार्गों से होती हुई सवारी रामघाट पहुंचेगी। यहां पूजन-अर्चन के बाद पुन: महाकालेश्वर मंदिर आएगी। गौरतलब है कि चंद्रग्रहण होने से पालकी को सजाने में डाब (कुश) का उपयोग किया जाएगा।

एक बजे के बाद भक्तों को नहीं बटेगा प्रसाद

श्रावणी पूर्णिमा पर इस बार चंद्र ग्रहण है। इसके चलते लौकिक मान्यता अनुसार मंदिर में कई बदलाव नजर आ रहे हैं। दोपहर 1 बजे बाद भक्तों को महाभोग का प्रसाद नहीं बांटा जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र भी दोपहर बाद बंद रहेगा। वेध काल में भक्त मूर्ति का स्पर्श नहीं कर पाएंगे। भक्तों के लिए नंदी हॉल के पीछे बेरिकेड्स से दर्शन व्यवस्था रहेगी। रात्रि 10.30 बजे होने वाली शयन आरती भी आधा घंटा पहले होगी। ग्रहण के मोक्ष के बाद मंगलवार तड़के मंदिर की शुद्घि के बाद भस्मारती होगी। मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर सुबह ब्राह्मणों द्वारा श्रावणी उपाकर्म किया जाएगा।