Jul 20, 2017
जबलपुर : एक मई से देशभर में लागू किए गए रेरा यानि रियल स्टेट रेगुलेरिटी एक्ट के चलते जबलपुर में बीते तीन दिनों में एक भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हो पाई हैं। दरअसल रेरा के सख्त प्रावधानों से घबराए बिल्डर्स ने अब तक एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया हैं और प्रशासन ने भी सख्ती बरतते हुए ऐसी तमाम प्रॉपर्टीज की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी हैं, जिसमें बिल्डर का रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज ना हो। बिल्डर्स और प्रशासन के आमने-सामने होने पर जनता परेशान हैं।
आम लोगों को बिल्डर्स की धोखा-धड़ी से बचाने का अहम औजार बताए जा रहे रेरा यानि रियल स्टेट रेगुलैरिटी एक्ट के प्रावधानों से पहले ही बिल्डर्स परेशान थे और अब रही सही कसर प्रशासन ने पूरी कर दी हैं। मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण ने एक आदेश जारी करते हुए ऐसी तमाम संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी हैं, जिसमें उसके बिल्डर या डेवलपर का रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज ना हो। जबकि जबलपुर में किसी भी बिल्डर ने अब तक रेरा एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया हैं। तो जबलपुर में प्रॉपर्टीज की रजिस्ट्री का काम ठप्प हो गया हैं।
जबलपुर के रजिस्ट्रार कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ हैं, क्योंकि बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के बिल्डर्स अपनी प्रॉपर्टीज बेच नहीं पा रहे। दरअसल अधिकांश बिल्डर्स ने अपने पुराने प्रोजेक्ट्स के कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्रशासन से हासिल नहीं किए थे। जिसके चलते उनके सालों पुराने प्रोजेक्ट भी ऑन गोइंग प्रोजेक्ट्स की परिभाषा में आ गए हैं और प्रॉपर्टी सेल पूरी होने के बाद भी उनपर रेरा एक्ट के तहत प्रस्तावित कार्यवाई की तलवार लटक रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शासन और प्रशासन रेरा एक्ट को उसकी सभी शर्तों के साथ ही लागू कर रहा हैं।
बिना रजिस्ट्रेशन नंबर रजिस्ट्री बैन होने से जो नुकसान हो रहा हैं, उसकी भी परवाह प्रशासन को नहीं हैं। प्रशासन का कहना हैं कि 30 जुलाई 2017 से पहले आज नहीं तो कल बिल्डर्स को रेरा एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने ही होंगे और शायद तब प्रॉपर्टीज की रजिस्ट्री बहाल हो सके।