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शौचालय बनवाने के लिए जागरूक नहीं, टॉर्चर कर रहा प्रशासन

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Nov 28, 2017

रतलाम : खुले में शौच मुक्त(ओडीएफ) करने के नाम पर प्रशासन दादागिरी करने लगा है। ढोढर के चार लोगों को अपराधियों की तरह पुलिस घर से उठा लाई। उन पर 151 की कार्रवाई कर दी। उन्हें दो रात चौकी में ही गुजारना पड़ा, क्योंकि रविवार को जमानत लेने वाले अधिकारी नहीं मिले।

सरपंच ने लिखकर दिया तो सोमवार को उन्हें छोड़ा गया। हनुमंतिया के 14 लोगों ने शौचालय बनाना शुरू नहीं किया, तो पूरे गांव की लाइट काट दी। एक रात पूरे गांव को अंधेरे में काटना पड़ा। रीछागुर्जर में सिंचाई कनेक्शन काट दिए, तो शौचालय नहीं बनाने वालों को कंट्रोल से राशन नहीं देने की धमकियां लगातार दी जा रही हैं।

लोगों का कहना है प्रशासन को जागरूक करना चाहिए, पर वह अब प्रताड़ित करने में लगा है। जावरा विधायक ने कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल से कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। कुछ लोगों के कारण पूरे गांव को सजा क्यों दी जा रही है। 

खेत के कनेक्शन काटे, सिंचाई में आई दिक्कत 

रीछागुर्जर में 10 से ज्यादा किसानों के खेत के कुएं की बिजली कनेक्शन काट दी गई। किसान आसपास से बिजली लेकर सिंचाई कर रहे हैं। बिनोली में 40 लोगों के यहां शौचालय नहीं बने, तो गांव के 264 मकानों की बिजली काट दी।

यहां के लोगों को दो रात अंधेरे में गुजारना पड़ा। हनुमंतिया के 14 लोगों की सजा पूरे गांव को मिली। यहां पूरे गांव के बिजली कनेक्शन काट दिए गए। स्ट्रीट लाइट तक नहीं छोड़ी। 15 नवंबर की रात लोगों को यहां अंधेरे में गुजारना पड़ी।

सरपंच प्रतिनिधि कृष्णा पाटीदार ने अधिकारियों से कहा कि कुछ लोगों के शौचालय नहीं बनाने की सजा पूरे गांव को क्यों दे रहे हो, तो किसी ने नहीं सुनी। ग्रामीणों ने बताया अंधेरा होने से मोमबत्ती और चिमनियों में रहना पड़ा।

वहीं अंधेरे में बच्चे रातभर रोते रहे और सभी को परेशान होना पड़ा। दूसरे दिन यहां बिजली जुड़ी। ढोढर के लोगों ने बताया कि गरीब हैं इसलिए शौचालय नहीं बना पाए, तो पुलिस पकड़कर ले गई, बड़ी मुश्किल से छूटे। 

पीड़ित ने बताया कि बीड़ी-सिगरेट की छोटी से दुकान लगाकर परिवार पाल रहा है। रुपए नहीं होने से शौचालय नहीं बना सका। सरकार भी रुपए शौचालय बनाने के बाद देती है। गरीबों को उधार भी नहीं मिलता।

शनिवार रात साढ़े 8 बजे पुलिस आई और थाने आने का कहा। वहां पहुंचा तो रातभर वहीं बैठाकर रखा। रविवार दोपहर में पुलिस तहसीलदार के सामने पेश करने जावरा ले गए, लेकिन अधिकारी नहीं मिले तो वापस लेकर थाने के एक कमरे में डाल दिया।

दूसरी रात भी वहीं काटी। सोमवार को सरपंच ममता चौहान ने शौचालय बनवाने की गारंटी ली, तो नायब तहसीलदार के कोर्ट से छोड़ा गया। गांव के किसान जगदीश प्रजापत, नागूलाल चौधरी दशरथ गायरी के खिलाफ भी धारा 151 की कार्रवाई की। उनके साथ भी यही स्थिति रही। लोगों को जागरूक करने की बजाय कंट्रोल से राशन नहीं देने के लिए भी लोगों को धमकाया जा रहा है। ये कैसा ओडीएफ है।

हम तो नियमानुसार कर रहे हैं काम 

जिला पंचायत सीईओ सोमेश मिश्रा ने कहा कि हम सब नियमानुसार ही कार्रवाई कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि जो लोग शौचालय नहीं बना रहे हैं, उनके यहां लोग दबाव बनवाकर शौचालय बनवाएं। हमारा उद्देश्य किसी को भी परेशान करना नहीं है।

सरकार को बदनाम करने में लगे हैं अफसर

ढोढर भाजपा नगर अध्यक्ष बद्रीलाल माली ने कहा कि शौचालय बनाने के लिए अधिकारी जागरूक करने के बजाय लोगों को थाने में बैठाने, धारा 151 लगाने, बिजली काटने का काम कर रहे हैं। इस तरह अधिकारी भाजपा सरकार को बदनाम कर रही है। इसकी मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा। ढोढर को ओडीएफ घोषित कर सचिव ने प्रमाणपत्र तो ले लिया, लेकिन अब लोगों को परेशान किया जा रहा है।