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सिल्वर पदक जीतकर देश, प्रदेश का वैशाली ने किया नाम रोशन

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Jul 22, 2017

रीवा : कहते हैं कि प्रतिभा छुपी नहीं रहती हैं। अगर कुछ करने का जज्बा हैं, तो मार्ग अपने आप ही निकल आता हैं। ऐसा ही कुछ हुआ रीवा जिले के जवा तहसील अंतर्गत बरौली ठाकुरान की रहने वाली वैशाली सिंह के साथ हुआ। जो पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन बन गई बास्केटबॉल की चैंपियन। हाल ही में पेरिस में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीतकर देश, प्रदेश के साथ-साथ उसने अपने जिले का नाम रोशन किया हैं।

जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जवा तहसील जहां एक छोटा सा गांव बरौली ठाकुरान हैं। यहां के निवासी रविंद्र सिंह की पुत्री बचपन से ही पढ़ने में तेज तर्रार थी, लेकिन उसकी कद काठी लंबी होने के चलते खेल में रुझान बढ़ा और उसने बास्केटबॉल को अपना पसंदीदा खेल बना लिया। वैशाली का पहली बार सलेक्शन अंतर्राष्ट्रीय टीम के लिए हुआ, लेकिन पासपोर्ट  न बनने के चलते उसे निराशा हाथ लगी। दूसरी बार छत्तीसगढ़ स्पोर्ट अथॉरिटी में सिलेक्शन होने के बाद उसे भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला और उसने   फ्रांस, थाईलैंड, पेरिस बेल्जियम, स्विट्जरलैंड, यूएई के साथ मैच खेलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। फ्रांन्स  के साथ भारत के हुए फाइनल में भारत के टीम उप विजेता रही और सिल्वर पदक से संतोष करना पड़ा। जीत के बाद आज रीवा पहुंची वैशाली का जगह-जगह स्वागत किया गया। इस दौरान क्षेत्र के विधायक दिव्यराज सिंह ने भी स्वागत किया।

वैशाली ने कहा कि उसकी इस कामयाबी पर उसके पिता और  परिवार का बहुत बड़ा योगदान हैं। प्रशासनिक मदद न मिलने के बावजूद भी पिता ने पैसे की व्यवस्था करके उसे विदेश भेजा। वहीं वैशाली ने विदेशी खिलाड़ियों की तुलना भारत के खिलाड़ियों से करते हुए कहा कि विदेशों में बहुत सारी सुख सुविधाएं हैं। जिससे वहां के खिलाड़ी अपने यहां के खिलाड़ियों से तंदुरस्त और क्षमतावान होते हैं। अगर अपने देश के खिलाड़ियों को सरकार मदद करें, तो निश्चित तौर पर हम और भी बेहतर कर सकते हैं। बैशाली के पिता ने कहा कि बेटी होने के चलते बाहर भेजने में डर लगता हैं क्योंकि जिस तरह से खबरें आती हैं और समाज में बेटियों को बाहर भेजने में भी तरह-तरह की बातें की जाती हैं, उनसे कठिनाइयां हुई, लेकिन आज बेटी की सफलता से वह खुश हैं। सिरमौर क्षेत्र से भाजपा के विधायक दिव्यराज सिंह ने कहा कि उनके द्वारा केंद्रीय खेल मंत्री से बात की गई हैं और साथ ही प्रदेश सरकार से भी मदद की बात करेंगे। अपने क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए साधन उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।