Aug 23, 2017
देवास : टोंकखुर्द क्षेत्र में बारिश की कमी और इल्लियों का प्रकोप झेल रही सोयाबीन की फसल पर अब जमीन के नीचे उसकी जड़ों पर व्हाइट ग्रब (सफेद सुण्डी) ने अटैक कर दिया हैं।
जमीन के नीचे और ऊपर से इल्लियों के हमले से सोयाबीन की फसल पर संकट के बादल गहरा गए हैं।
टोंकखुर्द तहसील क्षेत्र में यदि बारिश की बात की जाए तो पिछले वर्ष 22 अगस्त 2016 तक 930 मिलीमीटर बारिश हुई थी, वहीं इस वर्ष 22 अगस्त 2017 तक मात्र 301 मिलीमीटर ही बारिश हुई हैं। जो पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 33 प्रतिशत ही हैं, जिसके कारण फसलों पर बुरा असर पड़ रहा हैं। पानी की कमी के चलते फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली इल्लियों को उनके अनुकूल मौसम मिल रहा हैं, जिससे उनका प्रकोप बड़ रहा हैं। कई बार दवा छिड़कने के बाद भी इल्लियों पर दवा का असर नहीं हो रहा हैं।
किसान परेशान हैं कि वो अपनी फसल को कैसे बचाए। एक तरफ मौसम साथ नहीं दे रहा हैं, तो दूसरी तरफ फल्ली और पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाली इल्लियों का प्रकोप झेल रही सोयाबीन की फसल पर जमीन के नीचे से व्हाइट ग्रब नाम की इल्ली ने हमला कर दिया, जो जमीन के भीतर ही सोयाबीन के पौधे की जड़ों को काटकर नुकसान पहुंचा रही हैं। जिससे फसल मुरझा कर सूख रही हैं। अभी तक टोंकखुर्द तहसील में कई हेक्टेयर सोयाबीन फसल व्हाइट ग्रब की चपेट में आने से सूख चुकी हैं। कृषि विभाग के अनुसार पत्तियां और फल्ली खाने वाली इल्लियों पर दवाओं द्वारा कुछ नियंत्रण हो रहा हैं, पर जड़ों को काटने वाली व्हाइट ग्रब नाम की इल्ली पर खड़ी फसल में नियंत्रण संभव नहीं हैं।