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स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या बढ़ी, सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं दवा

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Oct 6, 2017

ग्वालियर : चम्बल संभाग में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही हैं। ग्वालियर अंचल में स्वाइन फ्लू से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं स्वाइन फ्लू के पचास से ज्यादा मरीजों का अस्पतालों में इलाज चल रहा हैं।

स्वाइन फ्लू के साथ ही अंचल में डेंगू भी कहर ढा रहा हैं। गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में डेंगू के भी 20 नए मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ महकमें में हड़कंप मचा हुआ हैं। लेकिन सरकारी अस्पतालों में इलाज का आलम ये हैं कि सस्ती दवा तो अस्पताल से मिल जाती हैं, लेकिन महंगी दवाईयां बाहर से खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। 

ग्वालियर अंचल में स्वाइन फ्लू का असर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो ग्वालियर-चंबल अंचल में स्वाइन फ्लू से सात लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं डेढ़ महीने की बात करें तो 127 सैंपल लिए जिनमें 36 पॉजीटिव पाए गए हैं।

वहीं अंचल में स्वाइन फ्लू से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी हैं। मौसम में आए बदलाव के चलते अब स्वाइन फ्लू और डेंगू का असर तेजी से बढ़ने लगा हैं, लेकिन जयारोग्य और जिला अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त दवाईयां नहीं मिल पा रही हैं।

जयारोग्य अस्पताल में दवा स्टोर ऑनलाइन हैं। इससे पता चलता हैं कि स्टोर में कौन सी दवाई हैं और कौन सी नहीं हैं, लेकिन ऑनलाइन दिखाई दे रही दवाईयों की जानकारी हकीकत से बिल्कुल अलग हैं।

जेएएच के दवा स्टोर में 263 दवाई एवं ओपीडी में 36 दवाई होना बताया जा रहा हैं, लेकिन पर्चे पर 5 दवाईयां मरीजों को लिखने पर उनमें से सिर्फ दो दवाईयां ही सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि केंद्र से मरीज को मिल पाती हैं। जबकि शेष दवा मरीजों को मजबूरन बाजार से लेनी पड़ती हैं।

जयारोग्य अस्पताल के माधव डिसपेंसरी में सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि केंद्र पर सुबह से मरीजों की भीड़ लगना शुरू हो जाती हैं। दूर-दूर से आने वाले मरीज और अटेंडरों का घंटों खड़े रहने के बाद जब नंबर आता हैं, तो स्टोर का कर्मचारी सस्ती दवाएं देकर बाकी बाहर से खरीदने को कहकर लौटा देते हैं।

बाहर से लिखी जाने वाली फ्लू, डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी ज्यादातर दवाईयां महंगी होती हैं। जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक जेएस सिकरवार का कहना हैं कि अस्पताल में सिर्फ चार-पांच तरह की दवाई खत्म हुई हैं, ये दवाईयां भी जल्द ही उपबल्ध होगी।

केंद्र और राज्य सरकार सभी को बेहतर स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने के लिए अरबों रुपए का फंड खर्च कर रही हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों की बदहाली सुधरने का नाम ही नहीं ले रही हैं। आलम ये हैं कि जयारोग्य जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में डेंगू और स्वाइन फ्लू की दवाई उपबल्ध नहीं हो पा रही हैं।