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सिविल हॉस्पिटल में महिला की डिलीवरी के बाद मौत, परिजनों ने अस्पताल में मचाया हंगामा

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Jan 16, 2019

भूपेंद्र सेन : सनावद नगर के सिविल हॉस्पिटल में महिला की डिलीवरी के करीब डेढ़ घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इस घटना से परिजनों ने आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा किया। साथ ही ड्यूटी पर मौजूद लोगों पर लापरवाही का आरोप लगाया। वही मामले की गम्भीरता को देखते हुए हॉस्पिटल के डॉक्टर भी महिला की मौत की जांच के लिए टीम बनाकर पीएम करने की बात कह रहे हैं।

सनावद समीपस्थ ग्राम जूनापानी निवासी नवविवाहिता मनीषा पति राजेंद्र उम्र 21 वर्ष को सोमवार सुबह 5 बजे आशा कार्यकर्ता मंजू पटेल व परिजनों सिविल हॉस्पिटल सनावद लेकर आये थे। प्रसूति वार्ड की महिला डॉक्टर अंजली बैरागी ने महिला का इलाज शुरू किया ।जिसके बाद पेपर पर सुबह 11 बजे उसका एडमिट लेटर बनाकर विधिवत भर्ती किया। दोपहर 2 बजे महिला की नॉर्मल डिलीवरी भी हुई।जिसमे महिला ने स्वस्थ शिशु बालक का जन्म हुआ।डिलेवरी के बाद डॉ अस्पताल से चली गई।परंतु महिला की डिलीवरी के बाद अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। ड्यटी नर्स ने तत्काल डॉ को दुरभाष पर सूचित किया। परन्तु डॉ अंजलि बैरागी ने दोबारा अस्पताल आने में देर कर दी।समय अधिक होने से महिला मनीषा की हालत और गम्भीर हो गई।

डॉ अंजलि ने करीब 3 बजे आकर गम्भीर हालत में महिला को देखा तो हतप्रद होकर मनीषा को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। आशा कार्यकर्ता मंजू पटेल की समझाइश पर परिजन महिला को शहर के निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर अजय मालवीय ने महिला को आईसीयू में कार्डियोग्राम लगा कर चेक किया । जिसमें हार्ट बीट नही थी। डॉ ने महिला को मृत बताते हुए वापस सिविल अस्पताल भेज दिया। महिला को मृत अवस्था में सिविल अस्पताल ले जाकर परिजनों ने डॉ अंजलि बैरागी की लापरवाही और इलाज में लापरवाही  बताकर हंगामा किया। मौके पर डॉक्टरों ने परिजनों को समझाया और महिला का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की टीम बनाकर करने का निर्णय लिया। मनीषा के ससुर श्री राम ने बताया कि मेरी बहू की मौत अस्पताल की डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है। अगर डॉक्टर समय पर मेरी बहू को रेफर कर देती तो आज उसकी जान बच जाती। वहीं निजी अस्पताल के डॉक्टर अजय मालवीय ने बताया कि महिला मनीषा पति राजेंद्र को मृत अवस्था में उसके परिजन अस्पताल लाए थे। फिर भी हमने ईसीजी का लगा कर जांच की। जिस चादर पर महिला को लिटा कर लाए थे। जो ब्लड से भरी हुई थी। प्रथम दृष्टया उसकी मौत ब्लड बहने से हुई है। 

इलाज करने वाले डॉक्टर अंजली बैरागी ने बताया कि मनीषा की डिलीवरी नॉरमल हुई। डिलीवरी के बाद से उसको कंपाउंड हार्ड बीटिंग हो रही थी। जिसे निजी अस्पताल में रैफर नहीं किया जा सकता था। इसलिए हमने मरीज को जिला अस्पताल रेफर किया। परंतु मरीज के परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए। दोबारा महिला मृत अवस्था में लाई गई थी। आगामी कार्यवाही में उसका टीम बनाकर उसका पीएम किया जाएगा। एसआई शरद पाटिल ने बताया कि नायब तहसीलदार सुखदेव डाबर के साथ जाकर जांच की गई है। मर्ग कायम कर पंचनामा रिपोर्ट तैयार कर अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी।