Oct 10, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर में प्राचीन मांडरे वाली माता का मंदिर ग्वालियर के अलावा भी देशभर में अपनी एक अलग पहचान रखता है। खासकर नवरात्रों के दौरान हजारो की संख्या में श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने आते है और माता से मनोकामना मांगते है। जिसकी स्थापना के बारे मे कहा जाता है,कि मंदिर की स्थापना आनंद राव मांडरे के द्वारा की गई थी।
आनंद राव मांडरे उस समय के सिंधिया राजवंश के राजा जीवाजी राव सिंधिया के यहां कर वसूली का काम किया करते थे और माता ने उनके सपने मे आकर उनसे मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया था। जिसके बाद महाराष्ट्र स्थित पूणे के पास मांडर गांव से ग्वालियर लाकर माता की स्थापना की गई।
अभी शारदीये नवरात्रि आज से शुरू हुये है इस दौरान नौंवी व दशमीं एक तिथी रहने के कारण इस बार शारदीय नवरात्र आठ दिन मनाये जायेंगे। इस दौरान माता की पालकी निकाली जाती है और ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां आकर माता की विशेष पूजा अर्चना करते है। माता के दर्शन करने हजारों लाखो की संख्या में लोग यहां देशभर से यहां पहुंचते है। मांडरे वाली माता मंदिर कई सालों से श्रृद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना हुआ है और लोग अपने मन की मुरादे पाने के लिये माता के चरणो में दर्शन पाने के लिये देशभर से खिंचे चले आते है और अपनी मन्नते मांगते है।