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टॉयलेट एक व्यथा, जहां इंसान नहीं वहां भी बने शौचालय

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Aug 13, 2018

आशुतोष सिंह : मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में सरकार का स्वच्छता अभियान तमाशा बन कर रह गया है। जिले को ओडीएफ घोषित करवाने की इतनी जल्दी है कि अधिकारियों ने जंगल, पहाड़, खेत, खलिहान में शौचालय बनवा दिये हैं। जहां इंसान नहीं है वहां भी शौचालय बन गये हैं। देखिये टॉयलेट एक ब्यथा पर एक खास रिपोर्ट—

मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले की सबसे बड़ी व्यथा बन गई है एक तरफ अधिकारी खुले में शौच मुक्त करने के दावे पर खुशियां मना रहे है तो दूसरी तरफ अनूपपुर जिले में ही अधिकारीयों कर्मचारियों ने टॉयलेट एक प्रेम कथा को एक व्यथा बना कर रख दिया है। 

पहाड़ों पर, जंगलों में पठारों में बने शौचालय
आप ने कभी पहाड़ों पर, जंगलों में पठारों में शौंचालय देखे है नहीं न तो देख लीजिये आप के ही प्रदेश की ये तस्वीरें है जहाँ पानी मयस्सर न हो सकेगा और दूर दूर तक आप को एक घर भी न दिखेगा वहां भी आपने शौंचालय बनवा दिया एक नहीं दो नहीं तीन नहीं आप गिनती भूल जायेंगे हजारों शौंचालयों का यही हाल है।

2 हजार में बन रहे शौचालय
जो शौंचालय आप ने रहवासी बस्तियों में भी बना दिए है उनका क्या हश्र है हश्र हो भी क्यों न आदमी तो आराम से घुस नहीं सकता भला फिर इन शौंचालयों में जायेगा कौन आज आप को जो सच हम दिखाने जा रहे है वो बहुत ही कड़वा है पर सच है अनूपपुर जिले की जनपद पुष्पराजगढ़ में आप के कर्मचारियों ने टॉयलेट निर्माण की होड़ तो मचा दी पर हजारों शौंचालय किसी काम के नहीं है और इस पूरे स्वच्छता अभियान में भ्रष्टाचार भी खूब हुआ है। हितग्राहियों की जो शौचालय आप 12 हजार में बनवाते है वही शौचालय हितग्राही आप के अधिकारीयों कर्मचारियों के कहने पर मात्र 2 हजार में बनवा लिया इस उम्मीद से की उसको 12 हजार मिलेंगे पर आज तक कुछ नसीब नहीं हुआ।

शौचालय बनवाने का काम जारी
अक्टूबर से पहले अनूपपुर जिले को ओडिएफ घोषित करना है। इसके लिये नियम कायदों को ताक पर रख कर शौचालय बनवाने का काम जारी है। जंगल, पहाड़, खेत, खलिहान सभी जगह शौचालय बनवा दिये गये हैं। शौचालय बनवाने के इतनी जल्दी है कि जहां इंसान नहीं है वहां भी शौचालय बनाकर टारगेट पूरा किया जा रहा है। हितग्राहियों से कहा गया है शौचालय बनवाईये और सरकार से 12 हजार रुपये पाईये। अधिकारियों को इससे कोई मतलब नहीं कि शौचालय कैसा बन रहा है और कहां बन रहा है। जो बना है उसका उपयोग हो भी रहा है कि नहीं। वे अपना रिकार्ड बेहतर करने में जुटे हैं। हमने करीब एक दर्जन गांवो का दौरा कर स्वच्छता अभियान की हकीकत जानी तो चौकाने वाली बात सामने आई। अनूपपुर में स्वच्छता नहीं केवल सरकारी पैसे की बरबादी हो रही है।

2 हजार में शौचालय बनवाकर सरपंच सचिव वसूल रहे 12 हजार रुपये
विपक्षी दलों का आरोप है कि स्वच्छता के नाम पर भ्रष्टाचार मचा हुवा है। 2 हजार में शौचालय बनवाकर सरपंच सचिव 12 हजार रुपये वसूल रहे हैं। हजारों शौचालय बेकार हैं। इनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। जिले में टायलेट एक ब्यथा बन कर रह गई है। जिला प्रशासन को हर हाल में शौचालय बनाने का टारगेट पूरा करना है। 2 अक्टूबर को जिला ओडिएफ घोषित हो जायेगा। फिलहाल अधिकारियों को इससे मतलब नहीं है कि शौचालय कहां बन रहे है और कैसे बन रहे हैं।