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सदर क्षेत्र के मतदाताओं ने किया चुनाव का ​बहिष्कार, सड़क चौड़ीकरण की रखी थी मांग

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Oct 25, 2018

मुकुल शुक्ला : नरयावली और सागर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सदर क्षेत्र के मतदाताओं ने इस बार किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को वोट न देने का निश्चय कर लिया है, क्षेत्रीय निवासी मतदान का बहिष्कार करते हुए जनप्रतिनिधियों के विरोध में धरने पर बैठे हुए है। 

क्या है पूरा मामला देखिये ये खबर
दरअसल पूरा मामला सदर क्षेत्र में रोड चौड़ीकरण को लेकर है,यहा कि सड़कों को वर्तमान स्वरूप से चालीस फ़ीट और चौड़ा किया जाना तय किया गया है, पर इस सड़क चौरिकरण के नाम पर जहा एक तरफ , सालो से यहा फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों की रोजी रोटी छिन गई है तो वही दूसरी तरफ यहा सालो से मकान बना कर रह रहे गरीब वर्ग के लोगो के सर के ऊपर से छत भी चली गई है, यह मंजर यही तक काफी नही है बल्कि यहा लगभग अस्सी बरसो से निवासरत वह लोग भी ठेकेदार की धमकी का शिकार है जिनके पास उस जमीन की पक्की रजिस्ट्री के साथ नक्शा  तक उपलब्ध है।

इन क्षेत्रबासी यो ने अपनी व्यथा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशाशन के आला अधिकारियों तक को सुनाई है पर किसी के भी द्वारा इन्हें इनकी जमीन को लेकर कोई ठोस आस्वासन नही दिया गया है,इस बात से आक्रोशित क्षेत्रबासी अब चुनाव बहिस्कार की धमकी देकर यहा धरने पर बैठ गए है। धरने पर बैठी एक महिला की बात पर यकीन करे तो उसका परिवार लगभग अस्सी वर्सो से उस स्थान पर निवास कर रहा है जिसे प्रशाशन और प्राइवेट ठेकेदार अबैध अतिक्रम बताते हुए तोड़ने की बात कर रहे है जबकि उस महिला के पास उस जगह की रजिस्ट्री तक उपलब्ध है,महिला ने स्पष्ट तौर पर इसे प्रशाशन और प्राइवेट ठेकेदार की मिली भगत बताते हुए आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने की बात कही है

क्षेत्रबसिया ने जगह जगह विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी देते हुए क्षेत्र में बैनर लगा रख्खे है। धरने पर बैठी एक महिला ने बताया कि ठेकेदार ने उन्हें बिना किसी लिखित नोटिश के जगह खाली करने की बात कही है, जबकि उनके पास उस जगह के मालिकाना हक के कागजात उपलब्ध है।

इस पूरे मामले में यहा एक मकान के ऊपर लगा मोबाइल का टॉवर भी प्रशाशन की नजरों में अबैध अतिक्रम  दर्शाया गया है,जिसे तोड़ने की बात ठेकेदार ने कही है जबकि इस मोबाइल टावर को लगाने की परमिशन खुद नगर निगम प्रशाशन ने दी हुई है

जहा एक तरफ प्रशाशन ने खुद जिस कार्य की मंजूरी  दी है तो वही दूसरी तरफ प्रशाशन खुद उस कार्य को अबैध बता रहा हैं धरने में शामिल वार्ड पार्षद  ने इस अतिक्रमण मुहिम को सत्ता पक्ष की मिलीभगत बताई है, बही जनप्रतिनिधि होने के बाद भी उन्हें इस कार्य की जानकारी न देने की बात कहते हुए ठेकेदार पर पक्षपात का आरोप भी पार्षद ने लगाया है। एक अन्य क्षेत्रबासी की माने तो बोट डालने का महा पर्व होने के बाबजूद भी वह जनप्रतिनिधियो की  उपेक्षा का शिकार हुआ है,इस लिए मजबूर होकर मतदान का बहिष्कार करना पड़ रहा है