Loading...
अभी-अभी:

शौचालय में रहने को मजबूर महिला, पूरा मामला देखिये स्वराज एक्सप्रेस की इस खास खबर में

image

Dec 31, 2018

फतह सिंह ठाकुर : जिस जिले की कलेक्टर महिला हो जिस जिला पंचायत की सीईओ महिला हो जिस जनपद की सीईओ महिला हो यहाँ तक की जिस ग्राम की सरपंच महिला हो और इन्ही महिलाओं के शासन में एक महिला ग्राम में बने शौचालय में तीन सालो से रह रही हो तो उसे आप क्या कहेगे जिहा ये दास्ताँ है जबलपुर के ग्राम नुनियाकला की जहा पर लाख सरकारी योजनाओं के बावजूद एक महिला पिछले तीन सालो से शौचालय में रहने को मजबूर है क्या है पूरा मामला देखिये स्वराज एक्सप्रेस की ये एक्सक्लूजिव खास खबर।

जबलपुर पनागर जनपद में आने वाली ग्राम पंचायत नुनियाकला में सरपंच तो महिला है लेकिन ग्राम का सारा काम उनके पति अनिल पटेल करते है और वो भी इस तरह काम करते है की कोई भी सरकारी योजना का लाभ ग्रामीणों को नही दिला पाते है और उन्ही की लापरवाही का खामियाजा पिछले तीन सालो से ग्राम पंचायत नुनिया कला के चौधरी मुहल्ले में रहने वाली गरीब सत्तो बाई भुगत रही है दरसल तीन साल पहले सत्तो बाई का कच्चा मकान बारिश के चलते गिर गया था लेकिन उसके बाद आज तक गरीब सत्तो बाई नहीं बनवा पाई क्योकि किसी तरह मजदूरी कर वो अपना सिर्फ पेट भर सकती थी न की अपने लिए मकान बनवा सकती थी अपने पति की मौत के बाद बेसहारा हुई सत्तो बाई ने कई बार सरपंच सचिव का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्होंने सत्तो बाई की एक न सुनी  परन्तु सरपंच पति ने सत्तो बाई को पचास रुपये जरूर दे कर मदद की और कहा की शौचालय की छत पर पन्नी लाकर डाल लो और उसी में रहते रहो वही जबलपुर में पड़ रही कड़ाके की ठण्ड में जहा हर इंसान अपने घरो में गरम रजाई से निकलना दुस्वार समझता है तो वही सत्तो बाई एक छोटे से शौचालय में अपनी रात किसी तरह गुजारती है इतना ही नहीं ग्राम नूनियां कला में ग्रामीणों को न तो पेंशन योजना के साथ अन्य योजनाओ का लाभ मिलता है और न ही पीने को स्वक्ष पानी गंदगी इतनी की नेता जी तो दूर स्थानीय महिला सरपंच तक चौधरी मुहल्ले में जाना पसंद नहीं करते है इंसानियत को शर्मसार करने वाले जिम्मेदारों से जब हमारी टीम सवाल जवाब करने पहुंची तो ग्राम के सरपंच और सचिव ग्राम से नदारद हो गए और जब हमारी टीम ने सरपंच पति अनिल पटेल से सपंर्क किया तो वो मैहर दर्शन करने मैहर पहुंच चुके थे अब देखना होगा की हमारी इस खबर के बाद जिला प्रशासन सत्तो बाई की क्या मदद करते है।