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आंगनबाड़ी में दाल का खौलता पानी गिरा 5 साल की मासूम के ऊपर, मासूूम की मौत

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Aug 29, 2018

इरफान खान : शहडोल जिले के जोधपुर के रहने वाले बैसाखू बैगा की बेटी सुभासिनी रोज की तरह 23 अगस्त को भर्रा टोला स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में गयी। जहां से आंगनबाड़ी की सहायिका ने उसे मध्यान्ह भोजन के लिए पास स्थित प्राथमिक विद्यालय भेज दिया। सुभाषिनी ने वहां मौजूद रसोइये से भोजन मांगा। रसोइये ने उसे धीमी हो रही चूल्हे की आग को तेज करने रसोई भेज दिया। पांच वर्षीय सुभाषिनी जब चूल्हे की आग ठीक कर रही थी उसी दौरान उस पर पक रही दाल का खौलता पानी उसके ऊपर गिर गया। खौलते पानी के गिरने से सुभाषिनी बुरी तरह से झुलस गई। आनन फानन में स्कूल के शिक्षक ने बालिका के पिता को बुलाकर जिला अस्पताल में उसे भर्ती कर दिया और बालिका के पिता को इलाज के लिए 250 रुपये देकर लापता हो गया।

गंभीर रूप से जली हुई सुभाषिनी 4 दिन तक जिला अस्पताल में पड़ी रही। यहां डॉक्टरों ने ना तो ढंग से इलाज किया और ना ही पुलिस या प्रशासन को इस घटना की जानकारी दी। 4 दिन बाद प्रशासन को जानकारी लगने के बाद आनन फानन में इलाज के लिए बच्ची को जबलपुर भेज दिया गया। जहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान सुबासिनी की मौत हो गयी। जिला कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है।

वही इस पूरे मामले को लेकर आगनबाड़ी सहायिका कहना है कि मैं दाल का टब चूल्हे से उतारकर फर्श पर रखने के बाद चावल लेने चली गई थी तभी चिल्लाने की आवाज़ आई मैन देखा कि दाल से भरे तब बच्ची गिरी पड़ी थी उसे मैंने बाहर निकाला और आनन फानन में लोगो को आवाज़ दी। पूरे मामले में कदम कदम पर 5 साल की बच्ची के इलाज में लापरवाही बरती गई। पहले मध्यान्ह भोजन मांगने पर रसोइए ने उसे आग के पास भेज दिया। जिससे वह बुरी तरह जल गई। फिर शिक्षक ने भी अस्पताल में भर्ती कर उसकी कोई जानकारी नही दी। वही अस्पताल के डॉक्टरो ने भी इलाज में लापरवाही बरती। जब प्रशासन को जानकारी लगी तो उसे आनन फानन जबलपुर इलाज के लिए भेजा गया लेकिन सुभाषिनी ने वह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।