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मकर संक्रांति के पहले सस्ते हुए तिल-गुड़

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Jan 12, 2017

इस साल की मकर संक्रांति मीठी रहने वाली है। मकर संक्रांति के चलते करीब एक से दो सप्ताह पहले से ही तिल-गुड़ के लड्डू बनाने के काम में गृहणियां जुट जाती हैं। पर कई बार तिल (और गुड़ के भी) दाम आसमान छूने की वजह से नागरिकों को अपने बजट में कटौती करनी पड़ती है। इस साल तिल और गुड़ के सस्ते होने की वजह से आम नागरिकों के लिए मकर संक्रांति का त्योहार मीठा जाने वाला है। इसी 14 जनवरी के दिन आ रहे मकर संक्रांति त्योहार के चलते वाशी स्थित थोक अनाज बाजार में तिल की आवक में वृद्धि हो गई है। इसके साथ ही इसकी बिक्री में भी तेजी आ गई है।

सस्ते हुए तिल-गुड़
वाशी के एपीएमसी स्थित थोक बाजार में इस समय तिल और गुड़ दोनों की आवक में तेजी आ गई है। थोक अनाज व्यापारी महादेव शांढा के अनुसार इस समय थोक बाजार में बिना पॉलिश तिल के दाम 90 रुपये से लेकर 110 रुपये प्रति किलो और पॉलिश तिल के दाम 120 रुपये से लेकर 140 रुपये प्रति किलो तथा उम्दा तिल के दाम इससे भी कुछ अधिक भाव में बिक रहे हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार इस समय गुड़ के दाम 45 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति किलो के दाम से बिक रहे हैं। गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष के ये दाम करीब 15 से 25 पर्सेंट तक कम बताए जा रहे हैं। एक अन्य व्यापारी के अनुसार मकर संक्रांति त्योहार से करीब 4 से 5 दिन पहले तिल और गुड़ दोनों की मांग अपने चरम पर रहेगी।

बने-बनाए लड्डुओं की मांग बढ़ी
खुदरा व्यापारी जीवराज पटेल ने बताया कि तिल और गुड़ अलग अलग खरीदकर उससे लड्डू बनाने की तरफ महिलाओं की रुचि लगातार कम होती जा रही है। अब इसमें गृहिणियों का भी समावेश होता जा रहा है। ऐसे में बाजार में तिल-गुड़ के बने-बनाए लड्डुओं की मांग बीते चार-पांच वर्षों से लगातार बढ़ती जा रही है। तिल-गुड़ के बने-बनाए लड्डुओं की यह मांग हर वर्ष करीब 20 पर्सेंट की दर से बढ़ने की बात मूलजी भाई पटेल नामक एक अन्य खुदरा व्यापारी ने भी बताई। इस समय खुदरा बाजार में तिल-गुड़ से बने लड्डुओं के दाम निम्नतम 150 रुपये से लेकर अधिकतम 200 रुपये प्रति किलो तक चल रहे हैं। खुदरा बाजार में चिकी गुड़ से बनाये गए तिल के लड्डुओं के दाम करीब 200 रुपये से 250 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं। शक्कर से बनाए गए तिल वाले लड्डुओं के खुदरा दाम अभी करीब 60 रुपये से 100 रुपये प्रति किलो के आसपास हैं।

मकर संक्रांति में तिल-गुड़ का खास महत्व
सूर्य का धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति कहलाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, तप, जप और अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है। मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं, जो सूर्य देव के पुत्र होते हुए भी सूर्य से शत्रु भाव रखते हैं। अतः शनिदेव के घर में सूर्य की उपस्थिति के दौरान शनि उन्हें कष्ट न दें, इसलिए तिल का दान और सेवन मकर संक्रांति में किया जाता है। मकर संक्रांति त्योहार पर तिल और गुड़ समेत इससे बने तिल-गुड़ के लड्डुओं का खास महत्व होता है। शीत-ऋतु होने से तिल के लड्डू खाने से शरीर पुष्ट व निरोगी होता है।