Loading...
अभी-अभी:

2 कमरों में हो रही प्राइवेट स्कूलों की पढ़ाई

image

Oct 30, 2017

रायसेन : हर मां बाप अपने बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं, इसीलिए प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजते है, मगर जब शिक्षा के नाम पर व्यापार होने लगे, तो बच्चों का भविष्य का क्या होगा? गांव-गांव खुल रहे प्राइवेट स्कूलों को देखने वाला कोई नहीं है। संचालक बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे।

‘अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा’ यह कहावत यहां सही बैठती हैं। जहां एक ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर नजर आते हैं, वहीं रायसेन से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पैमत गांव में मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के नियमों को ताक में रखकर स्कूल संचालक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

हैरत वाली बात तो यह है कि पूरा शिक्षा विभाग बच्चों के साथ खिलवाड़ करने में स्कूल संचालक का खुलकर साथ दे रहा है। क्या यही शिवराज सिंह चौहान की बच्चों के प्रति और उनकी पढ़ाई को लेकर गंभीरता है?

जी हां हम बात कर रहे हैं रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम पैमत के एक प्राइवेट स्कूल नवीन सरस्वती विद्या मंदिर की। यहां पर शिक्षा के नाम पर सिर्फ व्यापार हो रहा है और गरीब मां-बाप से बच्चों की पढ़ाई के नाम पर मोटी फीस वसूली जा रही है। हैरत तो इस बात की है कि ऐसे स्कूलों को मान्यता कैसे मिल जाती है? रिश्वत का खेल शिक्षा के ऊपर भी भारी पड़ता जा रहा  है।

ग्राम पैमत में नवीन सरस्वती स्कूल को देख कर तो यही कहा जा सकता है कि कैसे यहां पर सिर्फ दो कमरों के स्कूल में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक कक्षाएं  लगाई जाती है। सुविधाओं के नाम पर बच्चों को बैठने के लिए न ही फर्नीचर है, न ही खेल के लिए मैदान है, न ही किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं है।

इस स्कूल का आलम यह है कि यहां पर बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक भी न बीएड किए हुए हैं और न ही डीएड। मां बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए दिन-रात एक कर मोटी फीस जमा करके उनको पढ़ाने के लिए प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं।