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जीवाजी विश्वविद्यालय के दो अधिकारी लोकायुक्त के घेरे में

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Jan 27, 2018

**ग्वालियर**। जीवाजी विश्वविद्यालय के दो अधिकारी लोकायुक्त के घेरे में आ गए हैं। लोकायुक्त ने एक शिकायत के क्रम में जेयू के वित्त नियंत्रक महक सिंह और खेल निदेशक राजेन्द्र सिंह से जुड़ी जानकारी एकत्र करने के बाद उन्हें प्राथमिकी दर्ज करने के लिए भोपाल भेज दिया है। अब यह निर्णय भोपाल से होगा कि प्राथमिक तथ्यों के आधार पर मामला दर्ज हो या नहीं। **जांच समिति भी हुई थी गठित...** दरअसल इन दोनों अधिकारियों को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की गयी थी। जिसमें यूनिवर्सिटी के वित्त नियंत्रक महक सिंह पर आरोप था कि उन्होनें लगभग चार माह पूर्व सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी के भुगतान की फाइल को यह कहते हुए रोक लिया था कि पहले स्वीकृत पदों की जानकारी दी जाए। उन्होंने लेखा विभाग में कार्यरत तीन कर्मचारियों की तैनाती पर भी आश्चर्य जताया था। यह मामला आगे बढ़ता उससे पहले ही सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से यह बयान छप गया, कि वह तो इन तीन कर्मचारियों का भुगतान वित्त नियंत्रक को नकद करता है। इसी मामले में कार्यपरिषद सदस्य हुकुम सिंह ने जांच के लिए कुलपति को पत्र लिख दिया। जांच समिति भी गठित हुए। लेकिन उसका कोई निष्कर्ष सार्वजनिक नहीं हो सका। **जांच समिति की रिपोर्ट नहीं की उजागर...** दूसरा मामला खेल निदेशक राजेन्द्र सिंह से जुड़ा है। उन्हें लेकर कार्यपरिषद सदस्य सुनीता बराहादिया ने जांच की मांग की थी। अलवत्ता बाद में उन्होंने अपनी जांच की मांग को वापस ले लिया था। खास बात यह है कि वित्त नियंत्रक महक सिंह ने इस मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट की कई बार कुलसचिव से मांग भी की। लेकिन उन्हें जांच समिति के निष्कर्षों से अवगत नहीं कराया गया। आज की स्थिति में यह भी किसी को नहीं पता कि जांच समिति ने किया क्या? जांच पूरी भी हुई या नहीं। सूत्रों के मुताबिक इन दोनों मामलों में जितना दम नहीं है, उससे कहीं अधिक दमदारी जेयू में चल रही खींचतान में है। कारण यह कि वित्त नियंत्रक ने खुद ही तीन कर्मचारियों के वेतन मामले में सवालिया निशान लगाया। स्वीकृत पदों का मामला सामने लेकर आए। वहीं खेल निदेशक राजेन्द्र सिंह व कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के बीच कई बार मतभेद सामने आ चुके हैं। **इनका कहना है...** हमारे पास जेयू के दो अधिकारियों को लेकर शिकायत आईं थी। जांच से जुड़ी जानकारी जेयू से लेकर भोपाल भेज दी गईं हैं। प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय भोपाल से ही होगा।**धर्मवीर सिंह भदौरिया, डीएसपी लोकायुक्त पुलिस**