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5 वीं की छात्रा बनी शिक्षिका

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Jul 26, 2017

बुरहानपुर : राज्य सरकार भले ही शिक्षा का स्तर सुधारने का लाख दावा करती हो, लेकिन हकीकत के धरातल पर सरकारी स्कूलों की कहानी कुछ और ही बया करती हैं। सरकार “स्कूल चलें हम”, “सब पढ़ें सब बड़े” जैसी योजनाओं पर प्रति वर्ष कई सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही हैं, परन्तु प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाय निम्न हो रहा हैं। 

शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी हैं, जिसका खामियाजा विद्याथियों को भुगतना पड़ रहा हैं। ऐसा ही एक मामला बुरहानपुर शहर के अम्बेडकर वार्ड के हिंदी प्राथमिक शाला में देखने को मिला। इस शासकीय प्राथमिक शाला में एक भी शिक्षक नहीं होने से स्कूल का संचालन इसी स्कूल में पड़ने वाली 5 वीं कक्षा की छात्रा धन्वन्तरी को करना पड़ रहा हैं और तो और स्कूल समय पर खोलना और समय पर बन्द करने की जवाबदारी भी इसी छात्रा ने संभाल रही हैं।

सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह हैं कि 10 वर्षीय यह छात्रा धन्वन्तरी पहली से चौथी कक्षा के साथ ही अपने सहपाठी 5 वीं के बच्चों को एक शिक्षिका की तरह पढ़ा भी रही हैं। स्कूल में शिक्षिका बनी इस छात्रा के पढ़ाने का तरीका भी इतना आसान हैं कि बच्चे भी मन लगाकर पढ़ रहे हैं। यह सिलसिला नवीन शिक्षा सत्र् प्रारंभ होने से अब तक चल रहा हैं। इतना सब कुछ होने के बाबजूद इस ओर शिक्षा विभाग के जवाबदारों के द्वारा कोई ध्यान देने के लिए आगे नहीं आया हैं। जिस कारण बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा हैं। अन्य विधार्थियों के साथ धन्वन्तरी को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी हैं।