Dec 10, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा - दरअसल लगभग डेढ़ माह पूर्व कक्षा तीन में पढ़ने वाले 8 साल के रोहित बरार जब स्कूल से छुट्टी होने के बाद अपनी 5 साल की बहन के साथ स्कूल के बाहर निकल रहा था तब ही स्कूल के बाहर बने मुख्य द्वार के लोहे के एक तरफ के हिस्से के गेट से वह झूलने लगा, मासूम को यह नहीं मालूम था कि कुछ ही पल में यही गेट उसकी मौत की वजह बन जाएगा जब मृतक रोहित गेट पर झूला झूल रहा था तभी गेट टूटकर धड़ाम से उसके ऊपर गिर पड़ा जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई बाद में शिक्षा विभाग की ओर से मासूम की मौत की जांच कराई गई लगभग 1 महीने तक चली इस जांच रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को विभाग ने महज हादसा करार दिया है।
प्रबंधन के किसी व्यक्ति की लापरवाही नहीं मानी
हादसे का शिकार हुआ मृतक छात्र रोहित बरार के मामले में शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन में किसी को भी जिम्मेदार नहीं माना, ना हीं स्कूल प्रबंधन के किसी व्यक्ति की लापरवाही मानी इस तरह की पूरी जांच पर ही सवाल खड़ा होता है कि क्या इस बात से प्रबंधन को जानकारी नहीं थी की स्कूल का मेन जर्जर हालत में है और अगर मालूम था तो फिर उसे दुरस्त क्यों नहीं कराया गया इस पूरे मामले में पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस पूरी जांच पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं उनका कहना है कि शिक्षा विभाग छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों का बचाव कर रहा है।
विभाग दोबारा किसी बड़े हादसे की तैयारी में
लेकिन उनकी संवेदना मृतक रोहित के परिवार के साथ है और वे इस पूरे मामले को आगे तक ले जायेंगे और यह प्रयास करेंगे की इसमें जिसकी भी लापरवाही हो उस दोषी को दंड मिले। बहरहाल छात्र की मौत हुए भी डेढ़ महीने से ज्यादा हो चुका है लेकिन गेट का दूसरा हिस्सा भी बहुत ही जर्जर हालत में है लेकिन इसको पूर्ण रूप से सही कराने की जहमत शिक्षा विभाग नहीं उठा रहा है शायद शिक्षा विभाग को अभी तक यह सब नजर नहीं आया होगा या फिर विभाग दोबारा से किसी बड़े हादसे की तैयारी में है।