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एक ऐसा अघोषित पार्क जहां बरसों से है अजगरों का बसेरा

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Jan 1, 2019

अमित चौरसिया : मंडला से 35 किमी दूर ग्राम ककईया बीट कान्हा नेशनल पार्क के अंतर्गत आने वाला एक अघोषित पार्क है जो लगभग 4 से 5 एकड़ का है ग्रामीणों के अनुसार यह स्थान दमदमा के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान लगभग 40 फिट गहरा है औऱ अंदर से खोखला है वही चटटानो में अजगरों की बस्ती है यहां लगभग हजारो की संख्या में अजगर रहते है जो कि 4 फिट से लेकर 22 फिट लंबे और 1 से 1.5 फिट मोटे अजगर यहां देखे जा सकते है नवम्बर से फरवरी तक इनका प्रजनन काल का समय होता है इस दौरान अपने बिलो से बाहर निकलकर सुबह धूप सेकने के लिये चटटानो से बाहर निकलते है।

यहां 2011 में फारेस्ट द्वारा कटाई की गई तो वहां का नजरा देखकर कर्मचारियो के होश उड गए । रेंजर द्वारा गांव के लोगो से पता किया गया तो पता चला कि यहां बरसो से अजगरों का बसेरा है 1926 में इस इलाके में बाढ़ से पूरा गांव डूब गया था और यह इलाका पूरा अंदर से खोखला हो गया था तब से यहाँ अजगरों ने अपने रहने की जगह बना ली। 

यहाँ दूर दूर से पर्यटक आते है और प्राकतिक माहौल में विचरण करते अजगरों को देखकर आनंदित होते है उनका कहना है कि चिड़ियाघर में तो कई बार अजगर देखे है लेकिन प्राक्रतिक तोर पर खुले रूप में विचरण करते अजगर को देखने का आनंद अलग है।

प्रशासन द्वारा 2011 में इस स्थान को संरक्षण में लेकर फेंसिंग ओर वाच टॉवर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था जिसमे अभी सिर्फ फेंसिंग का कार्य किया गया है यहाँ अब देश विदेश से इस मौसम में सैलानियों की भीड़ लगी रहती है जो अजगरों को देखकर रोमांच से अभिभूत होते है लेकिन प्रशासन के द्वारा अभी इसे पर्यटन स्थल घोषित नही किया गया है।