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खण्डवाः खालवा में एक और प्रसूता की मौत, समय पर नहीं पंहुची जननी एक्सप्रेस

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Jul 3, 2019

अखिलेश ठाकुर- खंडवा के जिला अस्पताल में भर्ती जुड़वा नवजात बालिकाएं अब कभी भी मां की ममता के आंचल में नहीं पल सकेंगी। दरअसल दुनिया में आने से पहले ही मां की ममता इन से जुदा हो गई है। खंडवा जिले के खालवा विकासखंड में अंबाडा गांव की सावित्रीबाई को बीती रात प्रसव पीड़ा हुई थी, जिसके चलते जननी एक्सप्रेस को कॉल किया गया था। अफसोस जननी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पहुंची और प्रसूता ने दम तोड़ दिया। दोनों नवजात बालिकाएं जुड़वा है। सावित्री के पति शंकर ने बालिकाओं को अस्पताल में ही छोड़ दिया और मृतक महिला को लेकर गांव चला गया। मृतक के परिजनों का आरोप था कि जननी एक्सप्रेस अगर समय पर आ जाती तो सावित्री को बचाया जा सकता था।

कलेक्टर ने दिये पूरे घटनाक्रम पर जांच के आदेश

सरकार प्रसवगत संस्था पर जोर दे रही है और प्रसूता महिलाओं तक जननी एक्सप्रेस पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन अफसोसजनक बात है कि खंडवा जिले में यह सब सुविधाएं कागजों पर ही दौड़ रही हैं। यही कारण है कि प्रसूता महिलाओं की मौत हो जाती है। इस मामले में जहां दोनों बच्चों को जिला प्रशासन ने खंडवा के बच्चियों के अस्पताल में रखकर इलाज शुरू कर दिया है, वहीं कलेक्टर ने इस पूरे घटनाक्रम पर जांच के आदेश देकर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को हटाने की बात भी कही है।

जुड़वा बच्चे प्रीमेच्योर हैं, दोनों का इलाज किया जा रहा

सरकार ने जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए जिला अस्पतालों के समय में भी परिवर्तन किया है लेकिन मौके पर न तो डॉक्टर मिलते हैं और ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं।

ग्रामीणों का कहना है कि जननी को फोन लगाया था लेकिन वो समय पर नहीं आई। अगर गाड़ी आ जाती तो महिला को बचाया जा सकता था। डॉक्टर कह रहे हैं, दो ट्विंस को लेकर आए थे, जो अभी प्रीमेच्योर हैं, उनकी मां की मौत हो चुकी है, इलाज किया जा रहा है। तन्वी सुंद्रियाल कलेक्टर खंडवा का कहना है कि खालवा में स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग की मदद से सुधार के प्रयास कर रहे हैं। डॉक्टर को जांच के बाद हटाने की कोशिश की जायेगी।