Loading...
अभी-अभी:

कलाकार ने बनाई मजबूर किसान की प्रतिमा, सरकार करेगी सम्मानित

image

Jun 2, 2018

सागर। देश मे अन्नदाता किसान बेहाल है इसके दर्द और हालातों पर राजनीति भी हो रही है, बता दें बदहाल किसान के दर्द को एक युवा मूर्तिकार ने समझा और एक मूर्ति बनाई। इसी मूर्ति को जब पुरस्कार के लिए भेजा तो चयन हो गया। इसका शीर्षक भी मजबूर किसान था।

यह कहानी मध्यप्रदेश की है जहां किसान आंदोलन ने सरकार के पसीने छुड़ा दिए है पिछले कुछ वर्षों से एमपी में किसान सूखा बाढ आदि से परेशान है जब पिछले साल किसान आत्महत्या कर रहा था उसकी बदहाली के किस्से बन रहे थे मन्दसौर जैसी घटनाएं हो रही थी इसी समय  किसानों का दर्द समझा एक जमीन से जुड़े मूर्तिकार ने। एमपी के सागर शहर के निवासी युवा  नीतेश विश्वकर्मा ने अन्नदाता की दर्दभरी प्रतिमा बनाई, उसका नाम भी रखा मजबूर किसान।

उसी दौरान सरकार के उपक्रम कला को बढ़ावा देने वाले मध्यप्रदेश माटीकला बोर्ड विज्ञापन निकाला कि मूर्तिकार अपनी प्रतिमायें भेजे पुरस्कार हेतु। नीतेश ने मजबूर किसान को भेजा तो इसका पहले स्थान के लिये, चयन हो गया। उसे सरकार 25 हजार रुपये और प्रमाणपत्र देगी।
नीतेश औऱ उनका पूरा परिवार मिट्टी लकड़ी और सीमेंट आदी की आकर्षक प्रतिमायें बनाता है । 27 साल के नीतेश कहते है कि जब पिछले साल किसान परेशान था और आत्महत्याएं कर रहा था उस समय मन में विचार आया कि किसान की दुर्दशा पर मूर्ति बनाई जाए। उस समय बोर्ड का विज्ञापन निकला तो मजबूर किसान की प्रतिमा को चुन लिया गया। नीतेश की बनाई मूर्ति  9 इंच लंबी है जिसमें हल लिए बैठा किसान आसमान की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। 

नीतेश के चाचा किशन लाल बताते है कि वे खेल खेल में मूर्तियां बनाना सीख गए। फिर इसे अपने रोजगार का जरिया बना लिया। देवी देवताओं से लेकर हर तरह की मूर्तियां बनाते है। नीतेश की इस उपलब्धि से खुश है। यह भी एक संयोग है कि जब किसान आंदोलन के मन्दसौर कांड की वरसी मनाई जा रही है उसी समय मजबूर किसान कि प्रतिमा के चयन होने सम्बन्धी नोटिफिकेशन निकला। नोटिफिकेशन में मजबूर किसान शीर्षक है।