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भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए सरताज सिंह पहुंचे नर्मदा पूजन करने

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Nov 10, 2018

देवेंद्र पटेल : शुक्रवार को बीजेपी प्रत्याशी डॉक्टर सीताशरण शर्मा और भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए सरताज सिंह दोनो ने सेठानीघाट पहुँचकर माँ नर्मदा का पूजन किया। इस दौरान दोनों ही प्रत्याशियों के साथ सैकड़ो की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। सबसे पहले काग्रेस पार्टी प्रत्याशी सरताज सिंह सपत्नीक नर्मदा घाट पहुँचे और मां नर्मदा का पूजन किया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार सहित पूर्व उपगृह मंत्री विजय दुबे, काकु भाई,पूर्व विधायक अम्बिका शुक्ला सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। वही कुछ देर बाद बीजेपी प्रत्याशी डॉ सीताशरण शर्मा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सेठानी घाट पहुंचकर नर्मदा पूजन किया।

एसडीएम कार्यालय में नामांकन के दौरान एक अजीब ही नजारा देखने को मिला। कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह अपना नामांकन दाखिल कर रहे थे उसी समय डीजे और गाजे बाजे के साथ भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर सीताशरण शर्मा केंद्रीय मंत्री उमा भारती के साथ अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी डॉ सीताशरण शर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया वहीं सरताज सिंह ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती और बीजेपी प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर सभा को संबोधित करने के लिए बाहर सभा स्थल के लिए रवाना हो गए।

सभा को संबोधित करते हुए उमा भारती ने सरताज सिंह को रामचरितमानस की एक चौपाई के माध्यम से कहा कि दशरथ जी एक प्रसंग मे कहते है की अब बाल सफेद हो गए है अब सत्ता राम को दे देना चाहिए। इसी तरह सरताज सिंह के बाल भी सफ़ेद हो गए उनको भी सत्ता छोड़ देना चाहिए भाजपा ने ही सरताज को कैबिनेट मंत्री बनाया था लेकिन अब वो ही भाजपा का साथ छोड़ कर नाराज हो कर चले गए है साथ ही उमा भारती ने कहा कि सरताज की आदत ही नाराज होना है हर चुनाव मे नाराज हो जाते है 2003 मे भी नाराज हो गए थे।

वही सरताज सिंह ने उमा भारती की बात पर कहा कि उमा जी के बयान से मैं सहमत हूं लेकिन सरकार युवा की अकेली नही बनती है सरकार मिल जुलकर ही बनती है और चुनाव लडने और चुनाव जीतने के लिए अनुभव बहुत ज्यादा मायने रखता है और अनुभव के आधार पर ही निर्णय लिए जाते है जो हम मे है । वही भाजपा सरकार बेरोजगारी दूर नही कर पा रही है कई समझोते तो करती है लेकिन अमल नही कर पा रही है बहुत ज्यादा वरोजगारी है इसका एक ही उपाय है उद्योग लगाना चाहिए लेकिन सरकार उद्योग नही लगा पा रही है।