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बड़वानीः कुपोषित बच्चों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी चिंता का विषय

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Feb 27, 2019

सचिन राठौड़- बड़वानी जिला मुख्यालय के एनआरसी में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी। जिले में 3 हजार 200 बच्चें अतिकम वजनी की श्रेणी में, तो करीब 22000 बच्चें कम वजनी श्रेणी में हैं। जिम्मेदार पलायन का कारण बता कर मामले से पाक साफ़ बच रहे हैं। जिला मुख्यालय के एनआरसी में इन दिनों भारी संख्या में बच्चों का परीक्षण किया जा रहा है। प्रत्येक दिन 40 से 50 बच्चें आ रहे हैं, जिनमें से 3 या 4 बच्चें कुपोषित निकल रहे हैं। जिन्हें एनआरसी में भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है। एनआरसी में पदस्थ एएनएम की माने तो कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनका उपचार होने के बाद स्वस्थ होकर उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। लेकिन दोबारा कुपोषण की चपेट में आकर उन्हें फिर भर्ती करना पड़ता है।

अभिभावक मजदूरी के लिए पलायन कर जाते हैं, बच्चों के पोषण का ध्यान नहीं रख पाते

इस मामले में महिला बाल विकास अधिकारी से बात की गई। उनसे ये पूछा गया कि आंगनवाड़ियां संचालित हो रही हैं, पोषण आहार दिया जा रहा है, फिर ये स्थिति क्यों। तो जवाबदार बताते है के मुहीम चल रही है जिसके तहत बच्चों का परीक्षण किया जा रहा है और जो बच्चे कम वजनी है, उन्हें भर्ती किया जा रहा है। रही बात पोषण आहार की तो आंगनवाड़ियों में एक टाइम नाश्ता और एक टाइम भोजन दिया जाता है, लेकिन ये अभिभावक मजदूरी के लिए पलायन कर जाते हैं और बच्चों के पोषण का ध्यान नहीं रख पाते। इसलिए ऐसे केस सामने आ रहे हैं जबकि हकीकत ये है कि जिले में अतिकम वजनी श्रेणी के बच्चों की बात करें तो करीब 3 हजार 200 बच्चे इस श्रेणी में है। वहीं कम वजनी बच्चों की बात करें तो करीब 22 हजार बच्चे इस श्रेणी में आते है।