Sep 18, 2019
विनोद शर्मा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आव्हान के बाद ग्वालियर के सरकारी संस्थानो मे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंध करना शुरु कर दिया है।इसकी शुरुवात नगर निगम परिषद से की गई है इसके तहत नगर निगम परिषद की बैठकों में अब प्लास्टिक की पानी की वोटल की बजाए कांच की वोटल उपयोग में लाना शुरु कर दी है।निगम अधिकारियो का कहना है कि किसी भी काम की शुरुवात अगर सरकारी दफ्तरों मे से की जाए तो लोग उससे प्रेरणा लेते है यही कारण है कि उन्होंने निगम के सभी ऑफिसों में सिंगल यूज प्लास्टिक के सामानो पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस फैसले का नगर निगम मे नेता प्रतिपक्ष स्वागत करते है उनका भी कहना है कि हमारे पर्यावण को स्वस्छ रखने के लिए जरूरी है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद किया लेकिन उन्होने कहा कि प्लास्टिक पर पहले से ही प्रतिबंध है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसको लेकर मार्केट मे कोई कार्यवाही नही करते है।उन्होने कहा कि इस मामले मे उन अधिकारियो के खिलाफ भी कार्यवाही होना चाहिए जो अपने कार्य मे लापरवाही बरत रहे है।
सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े आंकड़े कितने हैरान करने वाले हैं। पानी की बोतलें, डिस्पेन्सरर्स, बिस्किट ट्रे जैसी वन यूज़ प्लास्टिक की चीज़ें पॉलीएथिलीन टेरेफ्थैलेट नामक केमिकल से बनती हैं। शैम्पू की बोतलें या पाउच, दूध की थैलियां, फ्रीज़र बैग्स और आइस्क्रीम के कंटेनर हाई डेंसिटी पॉलीएथिलीन से बनते हैं। इसके अलावा फूड पैकेजिंग, बोतलों के ढक्कन, कटलरी, प्लेट, कप, चीज़ों को सुरक्षित रखने वाली पैकेजिंग जैसे सामान घातक कैमिकल्स से बनते हैं, जो हमारे इस्तेमाल के लिए तो खतरनाक हैं ही, जब फेंके जाते हैं तो पूरे पर्यावरण के लिए घातक साबित होते है।