Mar 8, 2019
दिनेश भट्ट- विश्व विख्यात बांधवगढ़ नेशनल पार्क इन दिनों बाघों के प्रजनन के लिए जाने जाना वाला पार्क बनता जा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो यहाँ पर बाघों के रहने खाने व प्रजनन की प्रक्रिया को लेकर सारी व्यवस्थायें पार्क प्रबंधन के द्वारा बना कर व्यवस्थित की जा चुकी है। अगर प्रजनन के द्वारा नवजात शिशु की माँ की मौत हो जाती है, या माँ बच्चों को छोड़ देती है, तो यहाँ पर उचित वातावरण तैयार कर उन बच्चों को जवानी अवस्था में लाने के लिए बड़े-बड़े बाड़े बनाकर उन्हें संरक्षित किया जाता हैI
स्तनपाई की 22 प्रजाति सहित पक्षियों की 250 प्रजातियां हैं इस उद्यान में
मध्यप्रदेश के विंध्य पर्वत के बीचोबीच उमरिया जिले में फैला बांधवगढ़ नेशनल पार्क बाघों और अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। बांधवगढ़ अभयारण्य मध्य प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। इसे 1968 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। तब 105 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान का दायरा अब 437 वर्ग किलोमीटर का हो चुका है। करीब 437 किमी तक फैले इस पार्क में लहलहाते हुए जंगल, खड़ी चट्टानें और खुले मैदान हैं। पार्क में कई ऐसे स्थान हैं जो टूरिस्ट स्पॉट का काम करते हैं। बांधवगढ़ नेशनल पार्क में स्तनपाई की 22 प्रजाति सहित पक्षियों की 250 प्रजातियां पाई जाती हैं। इस अभ्यारण्य में घूमने पर आप बाघ, एशियाई सियार, धारीदार लकड़बग्घा, बंगाली लोमड़ी, राटेल, भालू,जंगली बिल्ली, भूरा नेवला और तेंदुआ सहित कई तरह के जानवर देख सकते हैं। इसके अलावा कुछ स्तनपाई जैसे गिलहरी, धोले, छोटा चूहा और छोटा भारतीय कस्तूरी भी यहां कभी-कभार देखने मिल जाएंगे। यहां बाघ के अलावा कई स्तनधारी जीव भी पाये जाते हैं। चीतल, सांभर, हिरण, जंगली कुत्ते, तेंदुएं, भेड़िए, सियार, लोथ बियर, जंगली सुअर, लंगूर और बंदर यहां बड़ी ही आसानी से देखे जा सकते हैं। सरीसृपों में किंग कोबरा, क्रेट,वाइपर जैसे सांपों एवं पक्षियों जैसे तोता, मोर, बगुला, कौआ, हॉर्नबिल, बटेर, उल्लू आदि शामिल हैं।