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हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भुजलिया पर्व, भुजलिया पूजन के बाद हुआ विसर्जन

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Aug 28, 2018

विनोद माहोरे - एकता का प्रातिक कहा जाने वाला चॉद नगर मे भुजलिया पर्व बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया एक लई, एक दई, एक कान मै खोस दाई भुजलिया कजलिया के पर्व कि शुभकामनाये ठेंठ पुराने देहाती अंदाज मे एक दूसरे को दी जाती है। भुजलिया पर्व वृहद स्तर पर धूमधाम से मनाने कि पंरपरा है।

जहां चॉद के नगरवासीयो के तत्वधान में नगर के सहायोग से पथरीगढ़ के राजा आल्हा उदल को घोडे पर बिठाकर राजकुमारी चंद्रावली कि संजीव झाकी निकलकर नगर  में भ्रमण कर भुजलिया घाट मे भुजलिया खेलकर एक दूसरे को शुभकामनाएं दि जाती है।

इस पंरपरा अनुसार चॉद नहर कि सारी महिला अपने अपने घरो से भुजलिया का ढोना लेकर नगर के देवेन्द्रसिंग पटले के घर के प्रगण मे इक्कढा हुई जहां ढोल बाजे एवं गेडी नृत्य एवं गारी गाते हुये आल्हा उदल राजकुमारी चंद्रवली कि  सजी झाकी निकल कर नगर भ्रमण कराई गई कुलबैहरा नदी के घाट पर भुजलिया पहुंचने पर भुजलिया खेली गई।