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ब्राह्मण समाज: चल समारोह निकालेंगे फिर चाहे गोलियां ही क्यों न खानी पड़े

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Apr 19, 2018

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर की एक बार फिर से फिजा बिगड़ सकती है क्योंकि ब्राह्मण समाज के एक दड़े ने 22 अप्रैल को परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में चल समारोह निकालने की चेतावनी दी है। साथ ही कि वह किसी भी कीमत पर यह चल समारोह निकालेंगे चाहे फिर गोलियां ही क्यों न खानी पड़े। प्रशासन ने ग्वालियर शहर में धारा 144 लगाई हुई है। इसके साथ ही किसी भी जुलूस को शहर में निकालने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में ब्राह्मण समाज की चेतावनी से जिला प्रशासन सकते में है।

साल 1990 में आरक्षण को खत्म करने की मांग को लेकर ग्वालियर के अखिलेश पांडे ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी। इस दौरान अखिलेश बुरी तरह से आग में झुलस गया था। जिसके जख्म आज भी अखिलेश के शरीर पर दिखाई देते हैं। आज वही अखिलेश फिर से आरक्षण को खत्म करने को लेकर मैदान में हैं। साथ ही परशुराम जयंती के प्रस्तावित चल समारोह को 22 अप्रैल को निकालने की घोषणा की है। अखिलेश ने कहा है कि किसी भी कीमत में ब्राह्मण लोगों के द्वारा भगवान परशुरम का चल समारोह निकाला जाएगा। क्योंकि ये सालों से निकाला जा रहा है। 

SCST एक्ट के बाद जो बवाल ग्वालियर चंबल अंचल में मचा था। उससे 8 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही सैकड़ो लोग घायल हो गए थे। इन मामलों में चंबल संभाग में 10,000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया था। प्रशासन ने अभी तक धारा 144 लगा रखी है। ऐसे में किसी भी धरना प्रदर्शन और जुलूस पर प्रतिबंध है। लेकिन ब्राह्मण समाज के कुछ लोग के द्वारा परशुराम जयंती का जुलूस निकालने पर आमादा है। ऐसे में प्रशासन ने भी साफ चेतावनी दी है। अगर कोई भी व्यक्ति बगैर अनुमति के जुलूस निकलता है तो उसे हवालात पहुंचा दिया जाएगा।

बहरहाल आरक्षण के विरोध में ब्राह्मण समाज का एक दड़ा इसी हफ्तें से 72 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठने वाला है। साथ ही चेतावनी दे रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हाल में जो आदेश दिया गया है, अगर पर कोई अध्यादेश वोटो के खातिर अगर सरकार लाती है, तो उसका अंजाम उसे भुगताना होगा। इस बीच पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ इंटेलीजेंस भी ब्राह्मण समाज के द्वारा दी गयी धमकी के बाद से एक्शन में है। वह अब ग्वालियर शहर के गली मोहल्लों तक से इनपुट लेने में लग गया है। क्योंकि उनके 2 अप्रेल के फैल्यूर इनपुट से ग्वालियर संभाग में उपद्रवियों ने अपना तांडव मचाया था।

वहीं अखिलेश पाण्डेय, ब्राह्मण नेता / आरक्षण विरोधी मंच का कहना है कि​ कुछ भी हो जाए, लेकिन परशुरम भगवान का चल समारोह निकलेगा। मैनें आरक्षण के विरोध में आत्मदाह भी किया था। फिर से 72 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठ रहा हूं।