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बड़वानीः संत खंडेराव महाराज व उनके मित्र पीर मोइनुद्दीन की याद में गाड़ा खिंचाई

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Mar 21, 2019

सचिन राठौड़- धुलेंडी के दिन जिले में तीन स्थानों पर बड़वानी अंजड़ ठीकरी में संत खंडेराव महाराज व उनके मित्र पीर मोइनुद्दीन की याद में गाड़ा खिंचाई का आयोजन किया गया। पुजारी का हाथ लगते ही चल पड़ते है टनों वजनी गाड़े। सवा सौ साल पुरानी है गाड़ा खिंचाई की परम्परा, जिसे देखने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है।

बड़वानी के अलावा ठीकरी, अंजड़ में भी हुई गाड़ों की खिंचाई

बड़वानी धुलंडी के दिन जिले के तीन स्थानों पर पारंपरिक तौर पर गाड़ा खिंचाई का आयोजन किया गया। ठीकरी में लगभग 800 साल पहले से यह परंपरा चली आ रही है। संत खंडेराव महाराज और  पीर मोईनुद्दीन बाबा की दोस्ती की याद में यह रस्म चली आ रही है। सबसे पहले ठीकरी में यह आयोजन होता था और अब धीरे-धीरे अंजड़ और बड़वानी में भी गड़ा खिंचाई होने लगी। ठीकरी में जहां गोरा नदी के किनारे 33 गाड़ों की खिंचाई हुई, वहीं बड़वानी में नवलपुरा रोड पर 300 मीटर के लगभग 15 गाड़ों की खिंचाई हुई। अंजड़ में बस स्टेशन से  भोगड़ी नदी तक लगभग 7 गाड़ों की खिंचाई की गई। इस आयोजन में गाड़ों को एक दूसरे से बांधकर खड़ा कर दिया जाता है। पूजा पाठ करने के बाद संतों द्वारा अपना पांव गाड़ों पर रखा जाता है और गाड़े अपने आप चल पड़ते हैं। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग जयकारे लगाते हुए गाड़ों पर चढ़ जाते हैं। बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन में शामिल होते हैं।