Loading...
अभी-अभी:

बड़वानीः सामने आया धोखाघड़ी का मामला, ग्रामीणों ने किया पुलिस के हवाले

image

Mar 22, 2019

सचिन राठौड़ बड़वानी- जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सजवानी के लोगों ने बिहार से आये अजय नामक व्यक्ति को पकड़ कर किया पुलिस के हवाले। ग्रामीणों का आरोप है कि मकान के नम्बर की प्लेट लगाने के नाम पर प्रति मकान मांग रहा था 40 रूपये। सीईओ बोली कि निजी रूप से किसी और के नाम से दिया था पत्र जिसे दिखा कर कर रहा था ठगी। जानकारी नहीं थी कि मिस यूज होगा। थाने से फोन आने पर उन्होंने टीआई से बता दिया कि वह व्यक्ति धोखेबाज है। 

मकान में नम्बर की प्लेट लगाने के नाम पर प्रति मकान 40 रूपये ले रहा था

जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर ग्राम सजवानी में ग्रामीणों की जागरूकता से एक बिहारी व्यक्ति अजय शर्मा पुलिस के हत्थे चढ़ा है। ग्रामीणों की माने तो पिछले 3 दिनों से ये शख्स ग्राम सजवानी में लोगों के मकान में नम्बर की प्लेट लगाने के नाम पर प्रति मकान 40 रूपये ले रहा है, लेकिन साथ ही आधार कार्ड और पासबुक की फोटो कॉपी भी ले रहा है। हालांकि अजय 40 रूपये की  बाकायदा रशीद भी दे रहा है और हवाला स्वच्छ भारत मिशन का दे रहा था। इतना ही नहीं बिहार से आया ये शख्स अजय सजवानी में काम शुरू करने से पहले जनपद पंचायत बड़वानी से सीईओ टीना पवार के हस्ताक्षर का एक लेटर भी फोटो कॉपी करवाकर लाया, जिसे सरपंच को दिया और कहा कि ये जनपद का लेटर मुझे यहां काम करने के लिए दिया गया है। बस फिर क्या था सरपंच सचिव ने भी ध्यान नहीं दिया, लेकिन फिर भी ग्रामीणों की जागरूकता काम आ गई। लोगों ने मिडिया सहित थाने पर सूचना दे दी और पुलिस अजय को लेकर थाने आ गई।

अधिकारियों की लापरवाही भी दिखी

लेकिन चौंकाने वाली बात उसके बाद सामने आई जब सीईओ टीना पवार से पूछा के क्या इस काम का टेंडर हुआ है तो उन्होंने इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, उनसे पूछने पर कि क्या लेटर आवक-जावक कर के जारी किया तो उन्होंने उससे भी इनकार कर दिया और तर्क दिया कि सरकार की योजनाओं के चलते पहले भी इस तरह से काम होते आये हैं। ये कोई गवर्मेंट के निर्देश या आदेश नहीं है, एजेंसी के महेश दुबे आये थे जिन्हें पर्शनल लेटर दिया था। लेकिन ये जो अजय नामक व्यक्ति काम कर रहा है, हम इसे नहीं जानते। टीआई का थाने से फोन आया था जिन्हें बता दिया गया है कि ये व्यक्ति फ्राड है इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कीजिये। सवाल ये है कि अगर अजय फ्राड है तो जो लेटर जनपद से जारी हुआ उसे क्या कहा जाये, जिसने जारी किया उसे क्या कहे, क्योंकि ये मामला जागरूक ग्रामीणों के कारण थाने तक पंहुचा है अन्यथा अजय आधार कार्ड और पासबुक की फोटो कॉपी लेकर क्या करता ये जांच का विषय है।