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सन्त रविदास जी की मूर्ति हटाने की मांग को लेकर जीरन के सफाईकर्मी दो दिन से हड़ताल पर

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Mar 15, 2019

राजेश लक्सकर- लोकसभा चुनाव को लेकर देश भर में आचार संहिता प्रभावी है, ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को अवकाश तक की मनाही है। लेकिन इसके विपरीत जीरन नगर परिषद के लगभग 40 सफाईकर्मी शासकीय भूमि पर संत रविदास की मूर्ति को हटाने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं।  जीरन में खुली भूमि पर अपना हक जताने के नाम पर हो रही कशमकश में दो समुदाय एक दूसरे के आमने सामने हो गए है। हालांकि इस मामले में दोनों पक्षों की जुबानी जंग नहीं चल रही है लेकिन गुपचुप तरीके से ज़मीन पर अपना हक जताया जा रहा है।

अहिरवार समाज और वाल्मीकि समाज के बीच उलझा मामला

मामला जीरन का गांधी नगर के वाल्मीकि समाज शासकीय बालक प्राथमिक विद्यालय से लगी खुली और सरकारी भूमि पर अहिरवार समाज द्वारा  रातों रात चबूतरा बनाकर संत रविदास जी मूर्ति स्थापित करने का विरोध कर मूर्ति और चबूतरा हटाने की मांग कर रहे हैं। जबकि उसी जगह पर अहिरवार समाज बगीचा बनाकर चौराहे को रविदास सर्कल घोषित करने की मांग कर रहा रहा है। इससे एक माह पहले मामला कलेक्टर के पास पहुंचा था, तो प्रशासन ने  मौके पर पहुंचकर  मूर्ति हटाने का प्रयास किया। अहिरवार समाज ने अपना विरोध दर्ज करवाया जिसके बाद प्रशासन बैरंग लौट गया। जिसके बाद वाल्मीकि समाज लगातार प्रशासन को आवेदन देकर उक्त खुली भूमि से मूर्ति एंव चबूतरे को हटाने की मांग की कर रहा था। लेकिन जब प्रशासन ने कोई कार्यवाही नही की तो वाल्मीकि समाज से जुड़े नगर परिषद जीरन के कर्मचारियों ने 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जिसके बाद गुरुवार से जीरन नगर परिषद के सफाईकर्मियों ने काम बंद कर दिया। जिसके बाद से ही नगर के प्रमुख मार्ग एवं चौराहे पर गन्दगी पसरी हुई है।

सुलभ शोचालय पर लटकाए ताले, आमजन परेशान-बदहाल हुई सफाई व्यवस्था

इधर सफाईकर्मियों ने प्राथमिक सुविधाओं को भी अपनी जकड़ में लेकर जीरन के सुलभ शोचालय पर भी ताले डाल दिए हैं। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर इस मामले में शासकीय बालक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि उक्त ज़मीन को लेकर जो विवाद चल रहा है, असल में यह भूमि शासन द्वारा विद्यालय भवन के लिए लगभग साढ़े चार बीघा जमीन का आवंटन किया गया था। लेकिन जीरन तहसील में पिछले दो साल से विद्यालय की ओर से ज़मीन के सीमांकन का आवेदन दिया जा रहा है। लेकिन बार बार आवेदन  के बाद भी स्कूल की भूमि का सीमांकन नहीं किया जिसके कारण रहवासी लोग खुली भूमि पर अपना कब्जा ज़माने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। जिसका परिणाम ही है कि विद्यालय  की साढ़े चार बीघा भूमि कब्जे के कारण सिमटते सिमटे कम होती जा रही है। 

जिला प्रशासन की कोशिश भी काम नहीं आई, आचार संहिता का भी डर नहीं

सफाईकर्मियों की हड़ताल को खत्म करवाने शुक्रवार को जिला प्रशासन ने काफी प्रयास किए लेकिन सफाईकर्मी नहीं माने। लगभग दो घण्टे तक जिला प्रशासन के अधिकारियों ने  जीरन मगर परिषद कार्यालय में बैठकर मंत्रणा की लेकिन सफाईकर्मी अपनी मांग से टस से मस नहीं हुए। हालांकि जिला प्रशासन ने सफाईकर्मीयो को स्पष्ट निर्देश दिये है कि वे शनिवार से कम पर लौट जाए। लेकिन सफाईकर्मियों ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।