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सिमरिया पन्नाः प्रभारी सहायक संचालक मत्स्य उद्योग पन्ना पर लगे गंभीर आरोप

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Apr 8, 2019

पीयूष गुप्ता- संईया बने कोतबाल तो डर  काहे का ये कहाबत तो अपने सुनी होगी मग़र देखी नही होगी। चलिए अब आपको ऐसा ही मामला पन्ना के मछली पालन विभाग का वाकया बताते हैं।

मामला है मत्स्य पालन प्रसार योजना अंतर्गत 10 वर्षीय पट्टे बनाने के एवज में हितग्राहियों से मांगा गया पैसा। योजना के  हितग्राहियों ने बीके सक्सेना प्रभारी सहायक संचालक मत्स्य उद्योग पन्ना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मत्स्य पालन प्रसार योजना को 10 वर्षीय पट्टा प्रकरण में ग्राम पंचायत पुरैना के मसान तालाब हेतु श्री फेरन लाल पिता शंकर लाल बर्मन ने अपना आवेदन पट्टा अबट्टन हेतु लगाय था। फेरन लाल वर्मा ने बताया कि वंशानुगत मछुआ होने के उपरांत भी श्री बीके सक्सेना द्वारा उनसे 15000 हाजर पट्टा  स्वीकृति हेतु ले लिए गए। हितग्राही द्वारा बताया गया कि  पट्टा आदेश हेतु उन्होंने श्री सक्सेना को बहुत बार फोन लगाया, किंतु आजकल-आजकल  करके वो भटकाते रहे। बाद में जनपद पंचायत से मालूम हुआ कि उनका पट्टा प्रकरण निरस्त कर दिया गया है। हितग्राही द्वारा श्री बीके सक्सेना से पैसे वापस करने के लिए कहा गया तो वह उसे धमकाते हैं।

सक्सेना ने कहा कि मेरा भाई संचालक है, तुम्हें जो करना है, सो करो

श्री सक्सेना की  धौंस यहीं तक सीमित नहीं रही। नील क्रांति योजना जो कि केंद्र शासन की योजना है सिर्फ अपने चहेतों को ही शामिल करते हैं। ग्राम लमतरा विकासखंड शाहनगर के श्री दयाराम यादव जी, जो कि दिव्यांग हैं एवं लाचार हैं। उन्होंने बताया कि उचित माध्यम से एक हेक्टर स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण कराने हेतु सभी दस्तावेज संलग्न कर आवेदन मछली पालन विभाग पन्ना को भेजा था। किंतु नील क्रांति योजना की शाखा प्रभारी द्वारा प्रकरण स्वीकृत या  कोई कमी सुधार हेतु उन्हें अवगत नहीं कराया गया। उन्होंने 181 सीएम हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज करा दी। इस पर श्री बीके सक्सेना द्वारा फोन करके श्री दयाराम यादव को विभाग पन्ना बुलाकर काफी भला-बुरा सुनाया और अपशब्द कहते हुए फाइल फेंक दी। श्री सक्सेना ने कहा कि मेरा भाई संचालक है, तुम्हें जो करना है, सो करो। मैं तुम जैसों को योजना का लाभ  तो क्या, ठेंगा भी नहीं दूंगा।