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कॉलोनियों के नाम पर पेड़ों की कटाई, प्रशासनिक अधिकारी चुनाव में और कॉलोनाइजर  कटाई में व्यस्त

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Oct 13, 2018

अश्फाक अंसारी - सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी प्रशासन अवैध कटाई को रोकने में नाकाम है। कॉलोनी के नाम पर कॉलोनाईजर  पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे है जबकि पेड़ों को काटना कानूनी अपराध है और बिना परमीशन पेड़ काटने पर हजारों के जुर्माने के साथ-साथ सजा तक का प्रावधान है। लेकिन कॉलोनी के नाम पर दर्जनो  पेड़ काटने के बावजूद भी प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।

दिनों दिन बढ़ता जा रहा है पर्यावरण को खतरा

बता दें कि जहां वनों की अवैध कटाई ने पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है और लगातार हो रही अवैध कटाई से मानव जीवन भी काफी प्रभावित हुआ है। वृक्षो की अवैध कटाई को रोकने एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये सर्वोच्च न्यायालय को कदम उठाना पड़ा। अब बिना परमिशन वृक्षों की कटाई करना कानुनी अपराध है और ऐसा करने वालो पर हजारों की जुर्माने के साथ-साथ सजा तक का प्रावधान है उसके बावजूद भी प्रशासन की सह पर कॉलोनाइजर कॉलोनियों के नाम पर वृक्षों की कटाई कर पर्यावरण को खतरे में डाल रहे हैं।

अवैध कालोनियों के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की बलि

दरअसल देहरी रोड पर प्रिंस कॉलोनी के नाम से दर्जनों पेड़ों की कटाई होने के बाद भी आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। जबकि करीब 6 माह पहले वृक्षों की कटाई के संबंध में शिकायत हुई थी और पटवारी राजेश शर्मा ने जांच में यह स्पष्ट कर दिया था की प्रिंस कॉलोनी के नाम से कई पेड़ो की कटाई की गई है और जिसकी रिपोर्ट तत्कालीन तहसीलदार कमलेश अग्रवाल को सौंप दी गई थी जिसके बाद भी आज तक कॉलोनाईजरों  पर कार्रवाई नहीं की गई। और कॉलोनाईजरों के हौसले इस कदर बुलंद है कि प्रशासनिक ढील के चलते वृक्षों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं देहरी रोड और आगासौद रोड से लेकर दर्जनों अवैध कालोनियों के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की बलि दे दी गई।